अवध सूबे का उत्थान-पतन pdf book

अवध सूबे का उत्थान-पतन, The rise and fall of Awadh province pdf book,

Dec 15, 2024 - 20:42
Dec 15, 2024 - 20:44
 0
अवध सूबे का उत्थान-पतन pdf book

अवध सूबे का उत्थान-पतन PDF  BOOK

अवध के इतिहास को एक किरदार की शक्ल में ढूंढ़ने का जतन है, इरा मुखोटी की 'द लायन एंड द लिली'। अवध, भारत का वह क्षेत्र, जो अपने नवाबों के शासन और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। 18वीं शताब्दी में फारसी मूल के नवाबों के शासनकाल में अवध का प्रशासन और सांस्कृतिक जीवन पहले मुगल साम्राज्य और बाद में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रभाव में उत्कर्ष और पतन दोनों का साक्षी रहा। विमर्शपरक ढंग से इतने बड़े सूबे को परत दर परत उघाड़ती यह सामग्री, दरअसल कालानुक्रमिक और तथ्यात्मक तरीके से अवध की पहचान को उद्‌घाटित करती है।

यहां के गौरवशाली अतीत की सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक संरचना की परतों को खोलती इस पुस्तक की शुरुआत दिल्ली दरबार के सम्राट मुहम्मद शाह 'रंगीले' के संरक्षण में सआदत खां 'बुरहान-उल-मुल्क' (1680-1739) के शासनकाल से होती है, जिन्हें 1722 में जाट विद्रोह को नियंत्रित करने में असफल रहने के कारण मुगल बादशाह ने अवध भेजा था। सआदत खां के बाद, सफदरजंग के उत्तराधिकारी शुजाउद्दौला (1732  1775) ने अवध को एक सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित कर इसे राजनीतिक महत्व प्रदान किया। हालांकि, 1764 की बक्सर की हार ने शुजाउद्दौला को इंस्ट इंडिया कंपनी के साथ एक असहज गठबंधन करने के लिए मजबूर किया। बावजूद इसके, उन्होंने फैजाबाद को सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से समृद्ध करने के प्रयास किए। पुस्तक, मुगल काल के पतन को रेखांकित करते हुए अवध के इतिहास को उसके अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के शासनकाल तक विस्तार देती है।


पुस्तक के विवरणात्मक और जीवंत अभिलेखन में अवध के नवाबों के प्रशासनिक निर्णयों, व्यक्तिगत और राजनीतिक कहानियों के साथ बेगमों, दरबारी किन्नर और सैनिकों का जिक्र मिलता है। यहां उस दौर के अवध की गलियों, महलों और दरबारों के अतिरिक्त कला, संगीत और वास्तुकला की समृद्ध परंपरा भी गोचर होती है। यूरोपीयों (जैसे एंटोनी पोलियर, क्लाड मार्टिन), ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी (जैसे- राबर्ट क्लाइव, वारेन हेस्टिंग्स), कलाकार (जैसे- जोहन जोफनी, मेहरचंद), रोहिल्लाओं और अन्य कई हिंदुस्तानी शासकों के जीवन पर भी प्रकाश डाला गया है, जिन्होंने अवध की जटिलताओं और विविधताओं भरे पहलुओं को गहराई से प्रभावित किया था। भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े सूबे पर बड़ी पुस्तक ।

पुस्तक: द लायन एंड द लिली
लेखिका : इरा मुखोटी
प्रकाशक : एलेफ बुक कंपनी, नई दिल्ली
मूल्य: 999 रुपये

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,