सुप्रीम कोर्ट का स्थानीय सरकार के नौकरी में आवेदन पर रोक का खिलाफ
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार, कोर्ट ने कहा कि इस प्रावधान के पीछे का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देने का है और इसमें कोई भेदभाव नहीं है।
What's Your Reaction?
AMAN KUMAR Jun 22, 2024 0 3
सम्पादक Apr 10, 2024 0 15
@Dheeraj kashyap Jul 2, 2024 0 1
@Dheeraj kashyap Jul 2, 2024 0 1
@Dheeraj kashyap Jun 26, 2024 0 7
Or register with email
Join our subscribers list to get the latest news, updates and special offers directly in your inbox
सुप्रीम कोर्ट ने दो से अधिक बच्चों की संख्या के आधार पर सरकारी नौकरी में आवेदन को असंवैधानिक ठहराया
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के निर्णय को समर्थन करते हुए दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को पुलिस कांस्टेबल पद के लिए आवेदन करने से अयोग्य ठहराने का फैसला किया।
न्यायालय ने राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4) को स्वीकार किया, जिसमें यह प्रदान है कि जो भी उम्मीदवार दो से अधिक बच्चों के पिता होता है, वह सेवा में नियुक्ति के लिए अयोग्य है।
न्यायालय ने यह भी धारा दी कि इस नियम में भेदभावपूर्णता नहीं है और इससे संविधान का उल्लंघन नहीं होता।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व फैसले को समर्थन किया।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्गीकरण, जो दो से अधिक बच्चों होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है, गैर-भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे से बाहर है।
सुप्रीम कोर्ट ने परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस नियम को बनाए जाने को स्वीकार किया।
न्यायालय ने हाईकोर्ट के फैसले की पुष्टि की और पूर्व सैनिक की याचिका खारिज करने का समर्थन किया।
इस निर्णय से साफ होता है कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के निर्णय को संविधान के माध्यम से समर्थन किया है।
न्यायिक खंडपीठ ने विवादित मुद्दे पर अपना स्थिति स्थापित करते हुए यह दिखाया कि संविधान के माध्यम से बच्चों की संख्या पर नियंत्रण करने का उद्देश्य है।
इस निर्णय से देश में परिवार नियोजन की प्राथमिकता को मिला समर्थन और यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो सोशल जस्टिस और पॉलिसी निर्माण में मदद करेगा।
सरकारी नौकरी में आवेदन पर रोक को खारिज: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार द्वारा दो से अधिक बच्चों की संख्या के आधार पर सरकारी नौकरी में आवेदन पर रोक लगाने को खारिज कर दिया है।
संविधान के खिलाफ नहीं है यह प्रावधान: सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय में यह ठहराया कि राजस्थान सरकार के इस प्रावधान में संविधान का उल्लंघन नहीं है और इसका मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है।
भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन का समर्थन: यह निर्णय भारतीय समाज में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के दिशा में है और बच्चों की संख्या के आधार पर सरकारी नौकरी में आवेदन करने पर लगाए गए रोक को असंवैधानिक ठहराया गया है।
सामाजिक सुरक्षा में सुधार: इस निर्णय से बच्चों की संख्या के आधार पर सरकारी नौकरी में आवेदन करने पर लगाए गए रोक को हटाने से सामाजिक सुरक्षा में सुधार होगा और लोग बच्चों की संख्या को देखकर नौकरी के लिए ना कहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने पर रोक लगाई गई थी। कोर्ट ने यह ठहराया कि इसमें संविधान का उल्लंघन नहीं है और दो से अधिक बच्चों की संख्या के आधार पर सरकारी नौकरी में आवेदन को असंवैधानिक ठहराना गलत है।
कोर्ट ने कहा कि इस प्रावधान के पीछे का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देने का है और इसमें कोई भेदभाव नहीं है। यह निर्णय राजस्थान सरकार के एक प्रावधान के खिलाफ है जिसमें अगर किसी के पास तीन या तीन से ज्यादा बच्चे होते हैं तो वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकता था।
इस निर्णय से बच्चों की संख्या के आधार पर सरकारी नौकरी में आवेदन करने पर लगाए गए रोक को असंवैधानिक ठहराया गया है और यह एक सकारात्मक कदम है जो भारतीय समाज में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के दिशा में है।
#SupremeCourt #Rajasthan #RajasthanGovernment #SupremeCourtofIndia #Child #Job #News #Hindi #HindiNews #Latestnews #LatestUpdates #ABPNews #India
This site uses cookies. By continuing to browse the site you are agreeing to our use of cookies.