महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 10 नवंबर को जन्मे व्यक्ति ओर निधन, महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव 96 को स्वीकार किया, जो कोरिया युद्ध के दौरान सैन्य कार्रवाई के लिए था। यह प्रस्ताव मुख्य रूप से उत्तर कोरिया की आक्रामकता और दक्षिण कोरिया पर उसके हमले के खिलाफ था। इस प्रस्ताव के तहत, संयुक्त राष्ट्र ने एक अंतरराष्ट्रीय सेना गठित की और दक्षिण कोरिया की रक्षा के लिए सैन्य सहायता प्रदान की। इस प्रस्ताव ने संयुक्त राष्ट्र के सामूहिक सुरक्षा के सिद्धांत को मजबूती दी।

Nov 9, 2024 - 21:25
Nov 10, 2024 - 10:38
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महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 10 नवंबर को जन्मे व्यक्ति ओर  निधन, महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

1885 - गोटलिएब डेमलेर ने दुनिया की पहली मोटरसाइकिल पेश की
गोटलिएब डेमलेर, जर्मन आविष्कारक, ने 10 नवंबर 1885 को दुनिया की पहली मोटरसाइकिल पेश की, जिसे 'डेमलेर रीटवागन' कहा गया। यह वाहन एक इंजन द्वारा संचालित था और दो पहियों पर चलता था। यह मोटरसाइकिल आधुनिक मोटरसाइकिलों की नींव साबित हुई और इसका डिज़ाइन कई वर्षों तक आधारित रहा। डेमलेर का यह आविष्कार परिवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसने व्यक्तिगत परिवहन की दुनिया को बदल दिया।

1950 - अमेरिका के लेखक विलियम फॉकनर को साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया
1950 में अमेरिकी लेखक विलियम फॉकनर को उनके साहित्यिक योगदान के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फॉकनर की लेखनी में दक्षिणी अमेरिका की सामाजिक और मानसिक हलचलों का गहरा चित्रण था। उनका सबसे प्रसिद्ध काम "द साउंड एंड द फ्यूरी" और "अबलि" है। उनकी रचनाएँ आमतौर पर परिवार, सामूहिक मनोविज्ञान और दक्षिणी अमेरिका के संघर्षों पर केंद्रित होती हैं। नोबेल पुरस्कार उनके साहित्यिक योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण कदम था।

1951 - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव 96 को स्वीकार किया
1951 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव 96 को स्वीकार किया, जो कोरिया युद्ध के दौरान सैन्य कार्रवाई के लिए था। यह प्रस्ताव मुख्य रूप से उत्तर कोरिया की आक्रामकता और दक्षिण कोरिया पर उसके हमले के खिलाफ था। इस प्रस्ताव के तहत, संयुक्त राष्ट्र ने एक अंतरराष्ट्रीय सेना गठित की और दक्षिण कोरिया की रक्षा के लिए सैन्य सहायता प्रदान की। इस प्रस्ताव ने संयुक्त राष्ट्र के सामूहिक सुरक्षा के सिद्धांत को मजबूती दी।

1970 - फ्रांस के भूतपूर्व राष्ट्रपति चार्ल्स द गॉल का देहांत
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति और एक प्रमुख नेता चार्ल्स द गॉल का 10 नवंबर 1970 को निधन हो गया। वह फ्रांस के 18वें राष्ट्रपति थे और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रांसीसी प्रतिरोध का नेतृत्व किया था। उन्होंने 1958 में फ्रांसीसी गणराज्य को पांचवें गणराज्य के रूप में पुनर्गठित किया और फ्रांसीसी राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए। उनका योगदान फ्रांस के आधुनिक रूप और वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण था। उनका निधन फ्रांस के लिए एक बड़ी क्षति थी।

1983 - बिल गेट्स ने विंडोज 1.0 की शुरुआत की
10 नवंबर 1983 को माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने विंडोज 1.0 की शुरुआत की। यह एक ग्राफिकल यूज़र इंटरफ़ेस (GUI) था जो कंप्यूटर के संचालन को आसान और अधिक उपयोगकर्ता-मित्रवत बनाता था। विंडोज़ 1.0 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा पहले से मौजूद डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित एक नया इंटरफ़ेस था, जो उपयोगकर्ताओं को मल्टीटास्किंग की सुविधा प्रदान करता था। विंडोज 1.0 का विकास भविष्य में ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए एक नई दिशा निर्धारित करने वाला साबित हुआ।

1989 - जर्मनी में बर्लिन की दीवार को गिराने का कार्य शुरू
10 नवंबर 1989 को बर्लिन की दीवार को गिराने का कार्य शुरू हुआ, जो जर्मनी को दो भागों में विभाजित करने वाली दीवार थी। यह दीवार 1961 में पश्चिम और पूर्वी जर्मनी के बीच एक विभाजन रेखा के रूप में बनाई गई थी। 1989 में, जर्मनी में हो रहे राजनीतिक परिवर्तनों के कारण, पूर्वी जर्मनी में स्वतंत्रता की मांग बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप दीवार को खोल दिया गया और दोनों जर्मन राज्यों का एकीकरण शुरू हुआ। यह घटना शीत युद्ध के अंत का प्रतीक बनी।

1994 - पुलिस ने श्रींयंत्र टापू (श्रीनगर) टापू में पहुँचकर अपना कहर बरपाया
1994 में, श्रीनगर के श्रींयंत्र टापू में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए अपना कहर बरपाया, जिसमें कई लोग प्रभावित हुए। यह क्षेत्र कश्मीर में उग्रवाद और आतंकवाद के दंश से जूझ रहा था, और यहां सुरक्षा बलों की कई बार कार्रवाई हुई। श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों की सक्रियता और आतंकवादी गतिविधियों के कारण स्थानीय नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस घटना ने कश्मीर की राजनीतिक स्थिति और सुरक्षा मामलों को और जटिल बना दिया।

1995 - न्यूजीलैंड के आकलैंड में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन प्रारम्भ
1995 में न्यूजीलैंड के आकलैंड में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई। इस सम्मेलन में राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं ने वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें आर्थिक विकास, राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक न्याय जैसे विषय शामिल थे। यह शिखर सम्मेलन राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।

1997 - चीन-रूस घोषणा पत्र से दोनों देशों के बीच सीमांकन विवाद समाप्त
1997 में, चीन और रूस ने एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद समाप्त हुआ। यह विवाद कई वर्षों से चल रहा था और दोनों देशों के बीच कई विवादित क्षेत्र थे। इस घोषणा पत्र ने दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत किया और सीमाओं के निर्धारण के बारे में समझौता किया। यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम था, जिसने दोनों देशों के बीच स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा दिया।

2000 - गंगा-मेकांग संपर्क परियोजना का कार्य प्रारम्भ
2000 में गंगा-मेकांग संपर्क परियोजना का कार्य शुरू हुआ। यह परियोजना भारत, बांगलादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार के देशों के बीच एक संपर्क मार्ग बनाने की योजना थी। इस परियोजना का उद्देश्य इन देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना था। यह योजना दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी।

2001 - भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया
2001 में भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक ऐतिहासिक भाषण दिया। अपने भाषण में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष की आवश्यकता पर जोर दिया और पाकिस्तान को चेतावनी दी। वाजपेयी ने भारत के दृष्टिकोण और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर संयुक्त राष्ट्र से समर्थन की उम्मीद जताई। यह भाषण अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को मजबूती देने वाला था।

2002 - आस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड से पहला एशेज टेस्ट जीता
2002 में आस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 2-0 से हराकर एशेज टेस्ट श्रृंखला में पहली जीत दर्ज की। यह मुकाबला एशेज सीरीज का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे बड़े मुकाबलों में से एक है। आस्ट्रेलिया की टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया और इंग्लैंड को हराकर एशेज में अपनी जीत का परचम लहराया।

2004 - झेंगझोऊ चीन का आठवाँ सबसे पुराना शहर घोषित
2004 में, चीन के झेंगझोऊ शहर को आठवां सबसे पुराना शहर घोषित किया गया। यह शहर चीन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और इसके ऐतिहासिक महत्व को पहचानते हुए इसे इस सम्मान से नवाजा गया। झेंगझोऊ प्राचीन चीनी सभ्यता का गढ़ रहा है और यहां कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जो चीनी इतिहास को जीवित रखते हैं।

2005 - चीन के विरोध को अस्वीकार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने तिब्बत के निर्वासित धार्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात की
2005 में, अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने चीन के विरोध को नकारते हुए तिब्बत के निर्वासित धार्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात की। यह मुलाकात चीन के साथ अमेरिका के संबंधों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा थी, क्योंकि चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है। लेकिन बुश ने तिब्बत के अधिकारों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

2006 - श्रीलंका के तमिल राजनेता नाडाराजाह रविराज की हत्या
2006 में श्रीलंका के तमिल राजनेता नाडाराजाह रविराज की हत्या कर दी गई। वह श्रीलंकाई तमिल समुदाय के एक प्रमुख नेता थे और उन्होंने अपनी राजनीतिक गतिविधियों से संघर्ष के समाधान की कोशिश की थी। उनकी हत्या ने देश में बढ़ती हुई हिंसा और संघर्ष को और गहरा किया। यह घटना श्रीलंकाई राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।

2007 - ब्रिटिश अपीलीय कोर्ट ने भारतीय डॉक्टरों के साथ यूरोपीय संघ के डॉक्टरों के समान बर्ताव करने का आदेश दिया
2007 में, एक ब्रिटिश अपीलीय कोर्ट ने ब्रिटिश सरकार को भारतीय डॉक्टरों को यूरोपीय संघ के डॉक्टरों के समान बर्ताव करने का आदेश दिया। कोर्ट ने निर्णय दिया कि भारतीय डॉक्टरों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता और उन्हें समान अवसर मिलना चाहिए। यह निर्णय भारतीय डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण विजय था, जिसने उनके अधिकारों की रक्षा की।

2008 - भारत-कतर संबंधों को रणनीतिक गहराई देते हुए दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए
2008 में भारत और कतर ने अपने संबंधों को रणनीतिक गहराई देते हुए रक्षा और सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना था। यह समझौता भारत और कतर के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने में सहायक साबित हुआ।

2008 - भारत ने आस्ट्रेलिया को हराकर 2-0 से बार्डर-गावस्कर ट्राफी जीती
2008 में भारत ने आस्ट्रेलिया को 2-0 से हराकर बार्डर-गावस्कर ट्राफी पर कब्जा किया। यह जीत भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि यह सीरीज भारत के घरेलू मैदान पर खेली जा रही थी और उनकी शानदार खेल शैली ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

2008 - नासा ने मंगल ग्रह के लिए अपने फ़ीनिक्स मिशन के समापन की घोषणा की
2008 में, नासा ने मंगल ग्रह के लिए अपने फ़ीनिक्स मिशन के समापन की घोषणा की। यह मिशन मंगल ग्रह के उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में जमीनी तत्वों और पानी के संकेतों की तलाश में भेजा गया था। मिशन ने वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जिससे मंगल ग्रह की जलवायु और जीवन की संभावना को समझने में मदद मिली।

मार्टिन लूथर (1483-1546)
मार्टिन लूथर एक जर्मन धार्मिक विद्वान और सुधारक थे, जिन्होंने 16वीं सदी में प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन की शुरुआत की। 1517 में उन्होंने "निन्टी-फाइव थिसिस" प्रकाशित की, जिसमें चर्च की गलत प्रथाओं पर सवाल उठाए गए थे। उनकी गतिविधियों ने कैथोलिक चर्च के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह उत्पन्न किया और धार्मिक स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। लूथर के विचारों ने यूरोप में धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन की शुरुआत की, जिससे प्रोटेस्टेंट धर्म का प्रादुर्भाव हुआ। उनका योगदान आज भी धर्म और समाज में महत्वपूर्ण माना जाता है।

जॉनी मार्क्स (1909-1985)
जॉनी मार्क्स एक अमेरिकी संगीतकार और गीतकार थे, जिन्होंने अपने करियर में कई लोकप्रिय गीत लिखे। वह विशेष रूप से फोक और पॉप संगीत के लिए प्रसिद्ध थे। उनका संगीत जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाला था, और उनकी रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों का प्रतिबिंब मिलता था। मार्क्स का संगीत कई दशकों तक लोगों के दिलों में बसा रहा, और वह अपने समय के सबसे प्रभावशाली संगीतकारों में से एक माने जाते हैं। उनकी संगीत यात्रा ने संगीत उद्योग में अपनी स्थायी छाप छोड़ी।

सुरेन्द्रनाथ बनर्जी (1848-1925)
सुरेन्द्रनाथ बनर्जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापकों में से एक थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेता थे। उन्होंने भारतीय समाज में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। बनर्जी ने भारतीय शिक्षा, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए। उन्हें भारतीय राजनीति में एक सशक्त आवाज के रूप में माना जाता है। उनका योगदान भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में महत्वपूर्ण था, और वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत बने।

दत्तोपन्त ठेंगडी (1920-2004)
दत्तोपन्त ठेंगडी एक राष्ट्रवादी ट्रेड यूनियन नेता और भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक थे। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और भारतीय श्रमिक वर्ग के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। ठेंगडी का मानना था कि श्रमिकों को उनके हक मिलना चाहिए और उनके आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए एक स्थिर और मजबूत संघ बनाना चाहिए। उन्होंने भारतीय श्रमिक आंदोलन को एक नई दिशा दी और समाज में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।

सदानंद बकरे (1920-2002)
सदानंद बकरे भारत के प्रसिद्ध शिल्पकार, चित्रकार और मूर्तिकार थे। उनका कला जीवन भारतीय शिल्प और चित्रकला की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने का उदाहरण है। उनकी मूर्तियाँ और चित्र भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते थे। बकरे ने भारतीय कला को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया और कला जगत में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने कला को समाज के शोषित वर्गों की आवाज बनाने की कोशिश की और उनकी कृतियाँ आज भी कला प्रेमियों के बीच सम्मानित हैं।

डोनकुपर रॉय (1954- )
डोनकुपर रॉय मेघालय के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे। उनका योगदान राज्य के विकास में महत्वपूर्ण रहा, विशेषकर शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्र में। उन्होंने अपने कार्यकाल में राज्य की समृद्धि और प्रगति के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। रॉय ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए काम किया और शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार किया। उनका कार्य मेघालय की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

जॉय गोस्वामी (1954- )
जॉय गोस्वामी एक प्रसिद्ध बंगाली कवि हैं, जो अपनी कविताओं के लिए भारतीय साहित्य में विशेष पहचान रखते हैं। उनकी कविताओं में संवेदनशीलता, मानवीय जटिलताएँ और सामाजिक मुद्दों की गहरी छाया होती है। गोस्वामी का लेखन बंगाली साहित्य में समकालीन काव्यधारा को नया आयाम प्रदान करता है। उनकी कविताओं में न केवल व्यक्तिगत अनुभवों का चित्रण होता है, बल्कि वह समाज के हर तबके की आवाज भी बनते हैं। उनकी रचनाएँ पाठकों को सोचने और समझने की नई दिशा देती हैं।

मनमोहन महापात्र (1951- )
मनमोहन महापात्र उड़िया फ़िल्मों के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता और निर्देशक थे। उन्होंने उड़िया सिनेमा को एक नई पहचान दिलाई और कई उत्कृष्ट फ़िल्मों का निर्माण किया। उनके निर्देशन में बनी फ़िल्मों ने भारतीय सिनेमा में विशिष्ट स्थान प्राप्त किया। महापात्र की फ़िल्मों में सामाजिक संदेश और मानवता की गहरी समझ होती थी। उन्होंने उड़िया फ़िल्म उद्योग को उच्चतम मानकों तक पहुँचाने के लिए मेहनत की और सिनेमा की कला को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया।

रोहिणी खादिलकर (1963- )
रोहिणी खादिलकर भारत की एक प्रमुख शतरंज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 1981 में एशियाई शतरंज चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और भारतीय महिला शतरंज में इतिहास रचा। वह शतरंज की दुनिया में अपनी कड़ी मेहनत और साहस के लिए जानी जाती हैं। खादिलकर ने भारतीय शतरंज के इतिहास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और शतरंज को महिला खिलाड़ियों के बीच लोकप्रिय बनाने में योगदान दिया। उनके प्रदर्शन ने भारत को अंतरराष्ट्रीय शतरंज में प्रतिष्ठित स्थान दिलाया।

सच्चिदानन्द सिन्हा (1871-1950)
सच्चिदानन्द सिन्हा भारत के प्रसिद्ध सांसद, शिक्षाविद, अधिवक्ता और पत्रकार थे। उन्होंने भारतीय राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सिन्हा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सच्चिदानन्द सिन्हा का नाम भारतीय राजनीति में सम्मान के साथ लिया जाता है, और उनका योगदान आज भी भारतीय समाज में महत्वपूर्ण माना जाता है

सत्यजीत घोष (2020)
सत्यजीत घोष भारतीय फ़ुटबॉल खिलाड़ी थे, जो अपनी तकनीकी क्षमताओं और खेल शैली के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने भारतीय फ़ुटबॉल टीम का हिस्सा बनकर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अपने खेल से भारत का नाम रोशन किया। वह भारतीय फुटबॉल के एक बड़े नाम थे और उनकी योगदान से फुटबॉल के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी। सत्यजीत घोष की मृत्यु 2020 में हुई, और उनका निधन भारतीय फुटबॉल के लिए एक बड़ी क्षति मानी जाती है। वह फुटबॉल जगत में हमेशा याद किए जाएंगे।

इबने अरबी (1240)
इबने अरबी, जिन्हें अल-शैख अल-अकबर भी कहा जाता है, अरबी के प्रसिद्ध सूफ़ी कवि, साधक और विचारक थे। उन्होंने सूफ़ीवाद को एक नई दिशा दी और अपनी रचनाओं में भक्ति, दर्शन और मानवता के गहरे विचार प्रस्तुत किए। उनका "फुसूस अल-हिकम" (हिकमत की मणियाँ) और "तफ़्सीर अल-कुरान" जैसे कार्य सूफ़ी दर्शन का महत्वपूर्ण हिस्सा बने। इबने अरबी के विचारों ने इस्लामी दुनिया में व्यापक प्रभाव डाला और उनके अद्वितीय दृष्टिकोण ने सूफ़ीवाद के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।

कनाईलाल दत्त (1908)
कनाईलाल दत्त भारत के आज़ादी के लिए फाँसी के फंदे पर झूलने वाले अमर शहीदों में से एक थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दत्त ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान की आहुति दी और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान आज भी भारत में शहीदों के रूप में याद किया जाता है। उनके साहस और संघर्ष ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया और प्रेरणा का स्रोत बना।

विजयदान देथा (2013)
विजयदान देथा, राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं से भारतीय साहित्य को नया दिशा दी। वह राजस्थानी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार माने जाते हैं। उनकी कहानियों में ग्रामीण जीवन, लोक संस्कृति और समाज के विभिन्न पहलुओं की सुंदर चित्रण होती थी। देथा की कहानियाँ न केवल मनोरंजन प्रदान करती थीं, बल्कि गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश भी देती थीं। उनका योगदान आज भी भारतीय साहित्य में अमूल्य माना जाता है, और उनकी कहानियाँ लगातार पढ़ी और सराही जाती हैं।

गंगाप्रसाद अग्निहोत्री (1931)
गंगाप्रसाद अग्निहोत्री हिंदी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे, जिन्होंने अपने लेखन से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। वह एक प्रमुख कवि, लेखक और पत्रकार थे, और उनकी काव्य रचनाएँ समाजिक और राजनीतिक पहलुओं पर आधारित होती थीं। अग्निहोत्री की कविता में भारतीय संस्कृति, देशभक्ति और सामाजिक न्याय के मुद्दे प्रमुखता से उठाए गए थे। उनका साहित्य में योगदान भारतीय साहित्य के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और उनकी रचनाओं ने पाठकों को प्रभावित किया। वह साहित्य जगत में हमेशा याद किए जाएंगे।

फजल ताबिश (1995)
फजल ताबिश भोपाल के प्रसिद्ध शायर थे, जिनकी शायरी में गहरी भावनाएँ और उत्कृष्ट शब्दों का संयोजन होता था। ताबिश की शायरी का विशेष आकर्षण उनकी दिल को छूने वाली कविताओं में था, जो भारतीय उर्दू साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उनके ग़ज़ल और शेर समाज की वास्तविकताओं को न केवल व्यक्त करते थे, बल्कि उनमें एक गहरी सोच और संवेदनशीलता भी थी। उनका निधन 1995 में हुआ, और वे उर्दू शायरी की दुनिया में हमेशा याद किए जाएंगे।

परिवहन दिवस
10 नवंबर को परिवहन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो परिवहन उद्योग के महत्व को पहचानने और उस पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर है। यह दिन दुनिया भर में परिवहन के क्षेत्र में होने वाली नई तकनीकी प्रगति, सुधार और पर्यावरणीय प्रभावों को समझने के लिए मनाया जाता है। परिवहन का महत्व समाज के विकास और अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। यह दिन सार्वजनिक परिवहन के महत्व को बढ़ावा देने और यातायात से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार