मधुमेह (डायबिटीज) का घरेलू उपचार
दवाइयों से इसका उपचार कभी नहीं हो सकता, चाहे आप जीवनभर दवाइयाँ खाते रहें। इसका स्थायी उपचार केवल पाचनशक्ति बढ़ाने से सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
![मधुमेह (डायबिटीज) का घरेलू उपचार](https://bharatiya.news/uploads/images/202405/image_870x_664cd7239c8ce.jpg)
जब हमारी पाचन शक्ति बहुत बिगड़ जाती है और शरीर में इन्सूलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनती, जिससे हमारा शरीर भोजन में उपलब्ध शक्तिदायक शर्करा अथवा ग्लूकोज को भी पचाने में असमर्थ हो जाता है, तो उसे पेशाब के रास्ते निकालने लगता है। इसी को मधुमेह कहा जाता है। इसलिए यह केवल पाचन शक्ति का रोग है और पाचन शक्ति को सुधारना ही इसकी चिकित्सा है। दवाइयों से इसका उपचार कभी नहीं हो सकता, चाहे आप जीवनभर दवाइयाँ खाते रहें। इसका स्थायी उपचार केवल पाचनशक्ति बढ़ाने से सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
यहाँ मैं इसका सरल उपचार लिख रहा हूँ, जिसे प्रत्येक व्यक्ति अपने घर पर स्वयं कर सकता है और इस रोग और उसकी दवाओं से सदा के लिए छुटकारा पा सकता है।
प्रातः काल 6 बजे उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नीबू का रस मिलाकर पियें। फिर 5 मिनट बाद शौच जायें।
शौच के बाद 5 मिनट तक ठंडा कटिस्नान लें या 3 मिनट तक पेड़ू (नाभि से नीचे का पेट का आधा भाग) पर खूब ठंडे या बर्फ के पानी में रूमाल गीला करके पोंछा लगायें, फिर टहलने जायें। अपनी सामान्य या तेज चाल से डेढ़-दो किमी टहलें।
टहलने के बाद नीचे दी गयी क्रियाएं करें।
- पवनमुक्तासन 1-2 मिनट
- भुजंगासन 1-2 मिनट
- रीढ़ के व्यायाम
- कपालभाति प्राणायाम 100 बार से बढ़ाते हुए 300 बार तक
- अनुलोम विलोम प्राणायाम 1 मिनट से बढ़ाते हुए 5 मिनट तक
- अग्निसार क्रिया 3 बार
- भ्रामरी 3 बार
- उद्गीत (ओंकार ध्वनि) 3 बार
व्यायाम के बाद खाली पेट लहसुन की दो-तीन कली छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े करके सादा पानी से निगल लें या चबायें।
रात्रि 10 बजे सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने जल के साथ लें।
शीघ्र लाभ के लिए सायंकाल भी कटिस्नान लेकर या पेड़ू पर बर्फ के पानी से पौंछा लगाकर टहलने जायें।
मधुमेह के रोगी को अपने खान-पान में भी सुधार करना अनिवार्य है। ये सुधार निम्न प्रकार करने चाहिए-
नाश्ता प्रातः 8 बजे - अंकुरित अन्न या दलिया या एक पाव मौसमी फल और एक कप गाय का बिना मक्खन का दूध या छाछ।
दोपहर भोजन 1 बजे- रोटी, हरी सब्जी, सलाद, दही (दाल चावल कभी-कभी कम मात्रा में)
दोपहर बाद 4 बजे - किसी मौसमी फल का एक गिलास जूस
रात्रि भोजन 7 से 7.30 बजे - दही छोड़कर दोपहर जैसा। भूख से थोड़ा कम खायें।
परहेज- चाय, काफी, कोल्ड ड्रिंक, बिस्कुट, चीनी, मिठाई, फास्ट फूड, अंडा, ’ मांस, मछली, शराब, सिगरेट, तम्बाकू बिल्कुल नहीं।
फ्रिज का पानी न पियें।
मिर्च-मसाले तथा नमक कम से कम लें।
दिन भर में कम से कम तीन लीटर सादा पानी पियें।
आवश्यक होने पर मिठास के लिए कम मात्रा में गुड़ या बूरा या शहद का उपयोग करना चाहिए। शुगर फ्री जैसी वस्तुओं का उपयोग न करें, यह मन्द विष होता है। यदि आप पहले से डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, तो उसे तुरंत बन्द न करें, बल्कि हर 15 दिन बाद शुगर की जाँच करायें और परिणाम अनुकूल आने पर दवा एक चैथाई कम करें। इस तरह डेढ़-दो माह में दवा बन्द हो जाएगी।
इन उपायों से मैंने कई लोगों का मधुमेह ठीक किया है और उनमें दो-तीन तो ऐसे थे, जो इन्सूलिन का इंजेक्शन लिया करते थे। ये उपाय टाइप एक और टाइप दो दोनों प्रकार के मधुमेह के लिए समान रूप से उपयोगी हैं। लेकिन यह रोग आगे दोबारा न हो, इसके लिए ऊपर बताये गये उपाय और परहेज करते रहना चाहिए। इस उपचार पर चलकर कोई भी व्यक्ति न केवल डायबिटीज बल्कि बीपी आदि अन्य बहुत से रोगों से छुटकारा पा सकता है।
What's Your Reaction?
![like](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/dislike.png)
![wow](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/wow.png)
![sad](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/sad.png)