प्रियंका गांधी कि राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत
1988 की बात है, जब प्रियंका गांधी पहली बार सार्वजनिक मंच पर नज़र आईं। इंदिरा गांधी की हत्या को चार साल हो चुके थे, और प्रियंका की उम्र महज 16 साल थी। उस समय उन्होंने अपना पहला सार्वजनिक भाषण दिया था। तब से लेकर अब तक, कांग्रेस समर्थकों के बीच यह मांग उठती रही है कि प्रियंका सक्रिय चुनावी राजनीति में उतरें। 36 साल बाद, यह मांग पूरी हो चुकी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने जा रही हैं, जो उनके राजनीतिक सफर का एक नया अध्याय है।
प्रियंका गांधी का राजनीति में पहला कदम
प्रियंका गांधी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2004 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रचार अभियान से की थी। उन्होंने दर्जनों लोकसभा सीटों पर रैलियां कीं और कांग्रेस के लिए समर्थन जुटाया। यह उनका राजनीति में पहला मजबूत कदम था। उत्तर प्रदेश के 2007 विधानसभा चुनावों में, उन्होंने अमेठी और रायबरेली के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया और राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के प्रचार अभियान को मजबूत किया।
कांग्रेस संगठन पार्टी में भूमिका
प्रियंका गांधी ने लंबे समय तक कांग्रेस संगठन में काम किया है। वह वर्तमान में कांग्रेस महासचिव के पद पर हैं और संगठन के कामकाज को देखती हैं। प्रियंका की तुलना अक्सर उनकी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से की जाती है। उनकी शैली, कपड़ों का चयन और बात करने का तरीका इंदिरा गांधी की याद दिलाता है। यही कारण है कि उन्हें कांग्रेस का 'ट्रंप कार्ड' माना जाता है।
प्रियंका गांधी का चुनावी संघर्ष
प्रियंका गांधी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' अभियान की शुरुआत की, जिसमें महिला वोटों और राजनीति में उनकी भागीदारी पर जोर दिया गया। हालांकि, कांग्रेस को 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन प्रियंका की कोशिशों को व्यापक समर्थन मिला।
वायनाड से चुनावी पारी
अब, प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने जा रही हैं। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनके भाई राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे और वायनाड की सीट प्रियंका के लिए खाली करेंगे। प्रियंका ने वायनाड के लोगों को आश्वासन दिया है कि वे राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने देंगी और वहां की जनता की सेवा करने के लिए पूरी मेहनत करेंगी।
प्रियंका गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ना न केवल उनके व्यक्तिगत राजनीतिक सफर का नया अध्याय है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका नेतृत्व और उनकी जनसंपर्क क्षमता कांग्रेस के लिए नए अवसर खोल सकते हैं। प्रियंका का यह कदम भविष्य की राजनीति में क्या बदलाव लाएगा, यह देखने वाली बात होगी।