रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, कहा- उत्साह में हो गई गलती, अब नहीं होगी
भ्रामक विज्ञापन के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोर्ट ने कहा, आप किसी दूसरी पद्धति या एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते
रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, कहा- उत्साह में हो गई गलती, अब नहीं होगी
कोर्ट ने कहा, आप किसी दूसरी पद्धति या एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते भ्रामक विज्ञापन का मामला
रामदेव और बालकृष्ण के वकील ने कहा कि वे सार्वजनिक माफी मांगेंगे
भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के अवमानना नोटिस का सामना कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। बाबा रामदेव ने कहा कि वह बिना शर्त माफी मांगते हैं। उनका इरादा कोर्ट की अवमानना करने का नहीं था और न ही कभी हो सकता है। उनसे काम के उत्साह में गलती हो गई। अब आगे से ऐसा नही होगा। वह सतर्क रहेंगे। हालांकि, कोर्ट ने अभी उनकी माफी स्वीकार नहीं की है। अदालत ने कहा है कि वह उनके पिछले इतिहास और केस को देखने के बाद इस पर विचार करेगी। पीठ ने उन्हें भ्रामक विज्ञापन के लिए चेतावनी देते हुए कहा कि आपको मालूम होना चाहिए कि लाइलाज बीमारियों की दवाओं का विज्ञापन नहीं दिया जा सकता। आप अपना काम करिए, लेकिन आप दूसरी पद्धति या एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते।
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के माफी मांगने के अलावा उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह खुद ही सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। कोर्ट उन्हें इसके लिए एक सप्ताह का समय दे। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए उन्हें समय दे दिया और केस को 23 अप्रैल को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।
साथ ही कहा कि दोनों लोग अगली सुनवाई पर भी कोर्ट में हाजिर होंगे। ये आदेश न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को दिए। इस मामले में कोर्ट ने 21 नवंबर को कोर्ट में दी गई अंडरटेकिंग का उल्लंघन करने पर रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था।
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