रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, कहा- उत्साह में हो गई गलती, अब नहीं होगी

भ्रामक विज्ञापन के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोर्ट ने कहा, आप किसी दूसरी पद्धति या एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते

Apr 17, 2024 - 20:45
Apr 18, 2024 - 06:06
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रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, कहा- उत्साह में हो गई गलती, अब नहीं होगी

रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, कहा- उत्साह में हो गई गलती, अब नहीं होगी

कोर्ट ने कहा, आप किसी दूसरी पद्धति या एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते भ्रामक विज्ञापन का मामला
रामदेव और बालकृष्ण के वकील ने कहा कि वे सार्वजनिक माफी मांगेंगे

 

भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के अवमानना नोटिस का सामना कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। बाबा रामदेव ने कहा कि वह बिना शर्त माफी मांगते हैं। उनका इरादा कोर्ट की अवमानना करने का नहीं था और न ही कभी हो सकता है। उनसे काम के उत्साह में गलती हो गई। अब आगे से ऐसा नही होगा। वह सतर्क रहेंगे। हालांकि, कोर्ट ने अभी उनकी माफी स्वीकार नहीं की है। अदालत ने कहा है कि वह उनके पिछले इतिहास और केस को देखने के बाद इस पर विचार करेगी। पीठ ने उन्हें भ्रामक विज्ञापन के लिए चेतावनी देते हुए कहा कि आपको मालूम होना चाहिए कि लाइलाज बीमारियों की दवाओं का विज्ञापन नहीं दिया जा सकता। आप अपना काम करिए, लेकिन आप दूसरी पद्धति या एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते।


बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के माफी मांगने के अलावा उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह खुद ही सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। कोर्ट उन्हें इसके लिए एक सप्ताह का समय दे। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए उन्हें समय दे दिया और केस को 23 अप्रैल को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।

साथ ही कहा कि दोनों लोग अगली  सुनवाई पर भी कोर्ट में हाजिर होंगे। ये आदेश न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को दिए। इस मामले में कोर्ट ने 21 नवंबर को कोर्ट में दी गई अंडरटेकिंग का उल्लंघन करने पर रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था।

मंगलवार को दोनों कोर्ट में पेश हुए। पहले उनके वकील ने गलती मानते हुए कहा कि वह सार्वजनिक माफी मांगने को तैयार हैं। उसके बाद कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण से बात की और उनसे सवाल पूछे। कोर्ट ने एलोपैथी की आलोचना पर फटकार लगाते हुए कहा कि वे दूसरों पर अंगुली उठाए बगैर अपना काम करें। कोर्ट ने रामदेव से कहा कि आपने योग में काफी काम किया है और आपकी काफी गरिमा है। आपने योग के अलावा भी कारोबार शुरू किया है। आपने कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रेस कान्फ्रेंस की। 
रामदेव ने माफी मांगते हुए कहा कि उनसे भूल हो गई है। वह बिना शर्त माफी मांगते हैं। जस्टिस कोहली ने कहा कि हमारे देश में आयुर्वेद के अलावा कई पद्धतियां हैं। जैसे-यूनानी, एलोपैथी आदि। आप यह नहीं कह सकते कि अन्य पद्धतियां अच्छी नहीं हैं। पीठ ने रामदेव से कहा कि आपको मालूम होना चाहिए कि लाइलाज बीमारियों के विज्ञापन की कानून में इजाजत नहीं है। कभी एलोपैथी ने ऐसा विज्ञापन किया है? पीठ ने कहा कि आपकी हरकत बहुत गैर जिम्मेदाराना है।
रामदेव ने कहा कि उनसे उत्साह में गलती हो गई। अब वह भविष्य में सावधान रहेंगे। बालकृष्ण ने भी कोर्ट से माफी मांगी। इसके बाद जब बालकृष्ण ने सफाई देने की कोशिश की तो जस्टिस अमानुल्लाह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप उसे न्यायोचित ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। इससे साफ होता है कि आपका हृदय परिवर्तन नहीं हुआ है। आप ऐसी दलीलें क्यों दे रहे हैं? तभी रामदेव ने फिर कहा कि वह कोर्ट से गलती मानते हैं और माफी मांग रहे रामदेव के बार बार माफी मांगने के बावजूद पीठ ने कहा कि वह अभी उनकी माफी स्वीकार नहीं कर रही। वह उनके पूर्व आचरण और इतिहास को देखेगी और विचार करेगी

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