100 में 66 कंपनियों को सरकारी विभागों में देनी पड़ती है घूस

100 में 66 कंपनियों को सरकारी विभागों में देनी पड़ती है घूस सरकारी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बावजूद खुले हैं भ्रष्टाचार के लिए दरवाजे 18,000 कारोबारियों के जवाब के आधार पर तैयार किया गया है सर्वे का निष्कर्ष स्याह तस्वीर नकद दी गई है 83 प्रतिशत रिश्वत, 54 प्रतिशत कारोबारियों को घूस देने के लिए किया गया मजबूर

Dec 9, 2024 - 19:50
Dec 9, 2024 - 19:52
 0

100 में 66 कंपनियों को सरकारी विभागों में देनी पड़ती है घूस स्याह तस्वीर
नकद दी गई है 83 प्रतिशत रिश्वत, 54 प्रतिशत कारोबारियों को घूस देने के लिए किया गया मजबूर

66 out of 100 companies have to pay bribe to government departments
और राज्य सरकारें कारोबार में सहूलियत और निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी लाने पर जोर दे रहीं हैं, वहीं भ्रष्ट सरकारी मशीनरी कंपनियों और उद्यमियों से अवैध तरीके से पैसे उगाहने में लगी है, जिसके चलते देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस और ईज आफ डूइंग बिजनेस जैसे प्रयासों को पलीता लग रहा है। एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि करीब 66 प्रतिशत कंपनियों को सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। कंपनियों ने दावा किया कि उन्होंने सप्लायर क्वालीकेशन, कोटेशन, आर्डर प्राप्त करने तथा भुगतान के लिए रिश्वत दी है। 83 प्रतिशत रिश्वत नकद और 17 प्रतिशत सामान और गिफ्ट के रूप दी गई है
 लोकल सर्कल्स की रिपोर्ट के अनुसार कुल रिश्वत का 75 प्रतिशत हिस्सा कानूनी, माप तौल, खाद्य, दवा, स्वास्थ्य आदि सरकारी विभागों के अधिकारियों को दिया गया। कई कारोबारियों ने जीएसटी अधिकारियों, प्रदूषण विभाग, नगर निगम और बिजली विभाग को रिश्वत देने की भी सूचना दी है। पिछले 12 महीनों में जिन कंपनियों ने रिश्वत दी, उनमें से 54 प्रतिशत को ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया, जबकि 46 प्रतिशत ने समय पर काम पूरा करने के लिए भुगतान किया। इस तरह की रिश्वत जबरन वसूली के बराबर है। सरकारी एजेंसियों के साथ काम करते समय कंपनियों के काम जान बूझ कर रोके जाते हैं और रिश्वत लेने के बाद ही फाइल को मंजूरी दी जाती है। सीसीटीवी कैमरों लगाने से सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ है। सर्वे में दावा किया गया है कि सीसीटीवी से दूर, बंद दरवाजों के पीछे रिश्वत दी जाती है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर डेलायट इंडिया के पार्टनर आकाश शर्मा का कहना है कि बहुत सी कंपनियों को लगता है कि नीतियों और प्रक्रिया के मामलों में थोड़ा पैसा देते रहने नियम- कानून के मोर्चे पर कड़ी जांच पड़ताल और जुर्माने से बच जाएंगे। सर्वे देश के 159 जिलों में किया गया है और इसमें 18,000 कारोबारियों के जवाब शामिल हैं  सरकारी विभागों को घूस देने वाले कारोबारियों का प्रतिशत
काननी, माप तौल, खाद्य, दवा और स्वास्थ्य विभाग
75
लेबर और पीएफ विभाग
69
संपत्ति और भूमि पंजीकरण
68
जीएसटी अधिकारी
62
प्रदूषण विभाग
नगर निगम
59
इनकम टैक्स
57
अग्नि शमन
47
पुलिस
45
परिवहन
43
42
बिजली
41
आबकारी
38
सरकारी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बावजूद खुले हैं भ्रष्टाचार के लिए दरवाजे 18,000 कारोबारियों के जवाब के आधार पर तैयार किया गया है सर्वे का निष्कर्ष

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com