हाईकोर्ट ने धारावी प्रोजेक्ट याचिका खारिज की, अडानी समूह को मिली अरबों की राहत

मुंबई में स्थित धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना को लेकर अडानी समूह को बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस परियोजना के लिए अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए ठेके के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर की […]

Dec 21, 2024 - 06:33
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हाईकोर्ट ने धारावी प्रोजेक्ट याचिका खारिज की, अडानी समूह को मिली अरबों की राहत

मुंबई में स्थित धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना को लेकर अडानी समूह को बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस परियोजना के लिए अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए ठेके के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर की गई थी, जिसमें राज्य सरकार द्वारा अडानी समूह को परियोजना देने के फैसले को चुनौती दी गई थी।

न्यायालय का फैसला

बॉम्बे उच्च न्यायालय की खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर शामिल थे, ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दायर याचिका का कोई आधार नहीं था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिका में उठाए गए मुद्दे वैध नहीं थे और राज्य सरकार का निर्णय सही था। कोर्ट ने यह भी कहा कि सेकलिंक टेक्नोलॉजीज को परियोजना के ठेके की पेशकश रद्द करने की अपील करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।

धारावी पुनर्विकास परियोजना मुंबई की सबसे महत्वपूर्ण और विशाल शहरी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के तहत 259 हेक्टेयर में फैली धारावी की जर्जर झुग्गी बस्ती को पुनर्विकसित किया जाएगा, जिससे यहां के लगभग 7 लाख निवासियों को 350 वर्ग फुट के फ्लैट मुफ्त दिए जाएंगे। यह परियोजना लगभग तीन अरब डॉलर की है और इसका उद्देश्य धारावी को एक नया चेहरा देना है, जिसमें आधुनिक बुनियादी ढांचा और जीवन की बेहतर सुविधाएं होंगी।

अडानी समूह ने 2022 में इस परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाई थी और 5,069 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ इसे हासिल किया। अडानी ने इस परियोजना को लेकर एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है, जिसमें जमीन के पुनर्विकास से लेकर पूरी झुग्गी बस्ती को एक शहरी केंद्र में बदलने की योजना है। यह परियोजना न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क के आकार का लगभग तीन चौथाई होगी और इसका उद्देश्य झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना है।

धारावी परियोजना का मुद्दा पिछले कुछ महीनों में राजनीति का हिस्सा बन गया था। विशेष रूप से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान, विपक्षी दलों ने इस परियोजना को लेकर कई सवाल उठाए थे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव के दौरान यह वादा किया था कि सत्ता में आने पर अडानी समूह को दी गई सारी जमीन वापस ली जाएगी और इस परियोजना को रद्द किया जाएगा।

वहीं, इस परियोजना को लेकर आरोप लगाए गए थे कि महायुति (भा.ज.पा. और सहयोगी दल) की सत्ता में आने से अडानी समूह को परियोजना में राहत मिली है। हालांकि, महाराष्ट्र में महायुति की जीत के बाद अडानी समूह को इस परियोजना पर पूरी तरह से नियंत्रण मिलने का रास्ता साफ हो गया।

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