संविधान बदलने की कवायद के बाद बांग्लादेश में BNP ने नए चुनाव आयोग के लिए सौंपे 5 नाम
बांग्लादेश की मुस्लिम चरमपंथी सरकार शेख हसीना और उनसे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति और निशानों को लगातार मिटाती जा रही है। इसी क्रम में मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने देश में काम कर रहे चुनाव आयोग को भी खत्म कर दिया है। साथ ही बीएनपी ने नए चुनाव आयोग के गठन के लिए […]
बांग्लादेश की मुस्लिम चरमपंथी सरकार शेख हसीना और उनसे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति और निशानों को लगातार मिटाती जा रही है। इसी क्रम में मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने देश में काम कर रहे चुनाव आयोग को भी खत्म कर दिया है। साथ ही बीएनपी ने नए चुनाव आयोग के गठन के लिए पांच नामों की लिस्ट भी सर्च कमेटी को भेज दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार सबसे पहले अपने हिसाब से चुनाव आयोग का गठन करना चाहती है। बीएनपी ने चुनाव आयोग को खत्म करके उसकी जगह नए चुनाव आयोग का गठन किए जाने को सुधार का नाम दिया है, साथ ही कहा है कि चुनाव आयोग के सुधारों के पूरा होने के बाद ही देश में 13वां संसदीय चुनाव समाप्त होगा। सरकार का कहना है कि चुनावों की समय सीमा राजनीतिक दलों की न्यूनतम सहमति पर निर्भर करती है।
बहरहाल, बुधवार को ही बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद व संयुक्त महासचिव शाहिदउद्दीन चौधरी एनी ने कैबिनेट सचिव शेख अब्दुल रशीद को लिस्ट सौंप दी थी। उल्लेखनीय है कि 7 जनवरी को 12वें संसदीय चुनावों के पर्यवेक्षक रहे काजी हबीबुल अवल आय़ोग ने तख्तापलट के बाद ही 5 सितंबर 2024 को अपना कार्यकाल खत्म कर लिया था। इसके बाद 31 अक्तूबर को ही नए चुनाव आयोग के गठन के लिए सर्च कमेटी बनाई गई थी।
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इसमें सियासी दलों, प्रोफेशनल ऑर्गनाइजेशन के साथ गणमान्य व्यक्तियों से अधिकतम पांच नामों की लिस्ट मांगी गई थी। इसी के बाद अब बीएनपी ने पांच नामों की लिस्ट सौंपी है।
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संविधान बदलने के लिए जारी हो चुकी है वेबसाइट
गौरतलब है कि इससे पहले सुधारों के नाम पर देश का संविधान बदलने के लिए कट्टरपंथी बीएनपी सरकार ने एक वेबसाइट लॉन्च कर चुकी है। इसमें सभी लोगों से उनके सुझाव मांगे गए हैं। हालांकि, इन सब से आवामी लीग या उससे जुड़े किसी भी संगठन या व्यक्तियों को बाहर रखा गया है।
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