इंडि गठबंधन में चौड़ी होती दरार : EVM और अडानी मुद्दे से गहराया संकट

INDI गठबंधन में बढ़ती दरार: ईवीएम और अडानी विवाद के बीच नेतृत्व पर घमासान,लोकसभा चुनावों के बाद INDI गठबंधन के अंदर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। कांग्रेस द्वारा ईवीएम और अडानी मुद्दे को उठाए जाने पर सहयोगी दलों ने विरोध जताया है। ममता बनर्जी को संयोजक बनाने की मांग और कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर असंतोष गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रहा है।

Dec 17, 2024 - 17:05
Dec 17, 2024 - 19:56
 0
इंडि गठबंधन में चौड़ी होती दरार : EVM और अडानी मुद्दे से गहराया संकट

इंडि गठबंधन में बढ़ती दरार: ईवीएम और अडानी मुद्दे पर गहराता मतभेद

INDI गठबंधन में बढ़ती दरार: ईवीएम और अडानी विवाद के बीच नेतृत्व पर घमासान

  • ईवीएम पर मतभेद: कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने से सहयोगी दल असहमत।
  • अडानी मुद्दा: शरद पवार ने राहुल गांधी को दी नसीहत, व्यक्तिगत विरोध से बचने की सलाह।
  • नेतृत्व संकट: ममता बनर्जी को संयोजक बनाने की मांग ने कांग्रेस की स्थिति को चुनौती दी।

नई दिल्ली: इंडि गठबंधन के अंदर दरारें अब और गहरी होती जा रही हैं। हालिया लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के बाद गठबंधन के घटक दलों के बीच आपसी मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अब सहयोगी दल विरोध जताते दिख रहे हैं, जिससे गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।

ईवीएम पर विवाद:
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अपेक्षित प्रदर्शन के बाद पार्टी ने ईवीएम को लेकर उत्सव मनाया था। हालांकि, इसके बाद हुए विधानसभा चुनावों और उपचुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार गिरता गया। हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट पर कांग्रेस महज 1,457 वोटों से जीत पाई, जबकि लोकसभा चुनाव में इसे 60 हजार मतों का अंतर मिला था। इसके बावजूद कांग्रेस ने अपने खराब प्रदर्शन के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोषी ठहराया।

लेकिन ईवीएम को दोष देने की इस रणनीति पर सहयोगी दलों ने असहमति जताई है। झारखंड में झामुमो ने शानदार जीत दर्ज कर सरकार बनाई, वहीं जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने सभी छह विधानसभा सीटें जीतकर अपनी मजबूत पकड़ दिखाई। केरल में वामदलों ने भी अपनी पकड़ के अनुसार प्रदर्शन किया। ऐसे में नेशनल कांफ्रेंस और तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के ईवीएम विरोध को सिरे से नकार दिया है।

अडानी मुद्दे पर विवाद:
ईवीएम विवाद के साथ ही अडानी मामले पर कांग्रेस के अडिग रुख ने भी गठबंधन की एकता को कमजोर किया है। कांग्रेस का एकतरफा अडानी विरोध अब सहयोगी दलों को अखरने लगा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने राहुल गांधी और कांग्रेस को सलाह दी है कि व्यक्तिगत विरोध की राजनीति से बचना चाहिए। पवार के इस बयान से यह साफ है कि गठबंधन में कांग्रेस की रणनीतियों को लेकर असहमति बढ़ रही है।

संयोजक पद पर विवाद:
कांग्रेस के लिए एक और चुनौती गठबंधन की नेतृत्व व्यवस्था को लेकर उभरी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और एनसीपी जैसे दलों ने ममता बनर्जी को इंडि गठबंधन का संयोजक बनाने की मांग की है। यह मांग तब सामने आई जब कांग्रेस ने लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद अपने पास बनाए रखा। गठबंधन के कई दलों का मानना है कि यह पद किसी अन्य सहयोगी दल के नेता को दिया जाना चाहिए था, ताकि गठबंधन में संतुलन बना रहता।

असंतोष का असर:
इंडि गठबंधन में आपसी विश्वास की कमी अब धीरे-धीरे बढ़ रही है। कांग्रेस पार्टी के फैसले और रणनीतियों को लेकर कई सहयोगी दल असहमति जता रहे हैं। जहां कुछ दल ईवीएम पर उठाए गए सवालों को खारिज कर रहे हैं, वहीं अडानी विरोध और नेतृत्व के मुद्दे पर भी असंतोष पनप रहा है। आने वाले समय में यह असहमति और भी बढ़ सकती है, जिससे इंडि गठबंधन की एकजुटता पर खतरा मंडराता दिख रहा है।


ईवीएम, अडानी विवाद और नेतृत्व के मुद्दों को लेकर इंडि गठबंधन के घटक दल अब खुलकर विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस के फैसलों से असहमत दलों का मानना है कि गठबंधन में समावेशी निर्णय प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। यदि इस दरार को समय रहते नहीं पाटा गया, तो आने वाले चुनावों में यह गठबंधन कमजोर पड़ सकता है।

लोकसभा चुनावों के बाद INDI गठबंधन के अंदर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। कांग्रेस द्वारा ईवीएम और अडानी मुद्दे को उठाए जाने पर सहयोगी दलों ने विरोध जताया है। ममता बनर्जी को संयोजक बनाने की मांग और कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर असंतोष गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रहा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Bharatiyanews हमारा अपना समाचार आप सब के लिए|