समंदर किनारे 404 एक‌ड़ जमीन पर वक्फ का दावा, 610 हिंदू-ईसाई परिवारों की लड़ाई

केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम में 404 एकड़ जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अरब सागर के किनारे बसे इस इलाके में 610 परिवार पिछले 60 वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें से 510 परिवार ईसाई हैं और 100 हिंदू परिवार शामिल हैं। इनका दावा है कि यह जमीन उन्होंने […]

Dec 9, 2024 - 10:31
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समंदर किनारे 404 एक‌ड़ जमीन पर वक्फ का दावा, 610 हिंदू-ईसाई परिवारों की लड़ाई

केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम में 404 एकड़ जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अरब सागर के किनारे बसे इस इलाके में 610 परिवार पिछले 60 वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें से 510 परिवार ईसाई हैं और 100 हिंदू परिवार शामिल हैं। इनका दावा है कि यह जमीन उन्होंने फारूक कॉलेज प्रबंधन से खरीदी थी लेकिन 2019 में वक्फ बोर्ड ने इसे अपनी संपत्ति के रूप में पंजीकृत कर लिया। अब वक्फ बोर्ड इन परिवारों को बेदखल करने की मांग कर रहा है।

मुनम्बम के लोगों के अनुसार, इस जमीन पर उनका दशकों से मालिकाना हक है। उनके पास सभी वैध दस्तावेज और 33 वर्षों का भूमि कर रिकॉर्ड भी है। हालांकि, 2022 में वक्फ बोर्ड ने जमीन पर दावा करने के बाद भूमि कर चुकाने पर रोक लगवा दी।

जोसेफ बेनी, मुनम्बम के समर समिति (एक्शन काउंसिल) के संयोजक, बताते हैं, “यहां के अधिकतर निवासी मछुआरा समुदाय से हैं। हमने इस जमीन को रहने योग्य बनाने के लिए सालों तक मेहनत की। अब वक्फ बोर्ड कह रहा है कि यह उनकी संपत्ति है।”

65 वर्षीय सिसिली एंटनी, जो 42 वर्षों से यहां रह रही हैं, ने बताया, “हमने अपनी मेहनत की कमाई से यह जमीन खरीदी। उस समय हमें वक्फ बोर्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अब अचानक वक्फ कहां से आ गया?”

वक्फ बोर्ड का दावा

2019 में वक्फ बोर्ड ने इस जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत कर लिया। बोर्ड का कहना है कि यह जमीन वक्फ की है और इन परिवारों को इसे खाली करना होगा।

इस विवाद के चलते 2022 से लोग अपने राजस्व अधिकारों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। न वे जमीन बेच सकते हैं, न इसे गिरवी रख सकते हैं। इस कारण इन परिवारों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। यह मामला अब केरल हाईकोर्ट और वक्फ ट्रिब्यूनल में लंबित है।

जून 2024 में मुनम्बम के 8 निवासियों ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने वक्फ ट्रिब्यूनल के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि गैर-इस्लामिक मत के लोगों की जमीन से जुड़े मामलों में ट्रिब्यूनल को फैसला देने का अधिकार नहीं होना चाहिए। 1 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांगा।

दूसरी ओर, वक्फ ट्रिब्यूनल में फारूक कॉलेज मैनेजमेंट ने भी वक्फ बोर्ड के दावे को चुनौती दी है। इस पर सुनवाई 27 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 23 नवंबर को वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। इसमें उन्होंने मुनम्बम के निवासियों को राहत देने का आश्वासन दिया। जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा। सरकार एक संतोषजनक समाधान ढूंढने की कोशिश कर रही है, मुख्यमंत्री ने कहा।

वक्फ संशोधन विधेयक 2024

मुनम्बम के निवासी केंद्र सरकार के प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर आशान्वित हैं। उनका कहना है कि वर्तमान वक्फ अधिनियम उन्हें बोर्ड के दावों के खिलाफ लड़ने का मौका नहीं देता।

मुनम्बम के लोग चर्चों में प्रार्थना सभाएं कर रहे हैं ताकि यह विधेयक संसद में पारित हो जाए। उनका मानना है कि नया कानून लागू होने के बाद वक्फ बोर्ड उनकी जमीन पर दावा नहीं कर सकेगा।

 

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