राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

युवा किसी भी राष्ट्र की प्रगति तय करते हैं। राष्ट्र की प्रगति कई उपायों से तय होती है। राष्ट्र के विकास में युवाओं का महत्वपूर्ण स्थान है किसी भी राष्ट्र की रीढ़ वहां की युवा शक्ति होती है। युवाओं के विचारों की हवा ही राष्ट्र की विजय पताका की दिशा निर्धारित करती है। भारत के प्रख्यात बुद्धिजीवी राहुल सांकृत्यायन कहते हैं “भागो नहीं दुनिया को बदलो' और उनका यह कहना युवाओं को संदेश है। क्योंकि वे मानते हैं कि बदलाव लाने की शक्ति जिस में निहित है वह युवा ही है। यदि हम चिंतन करें तो युवा की क्या परिभाषा दी जा सकती है, युवा वह है जो वायु गति से तेज चलने वाला हो, जिसकी सोच सकारात्मक हो, जो हमेशा यह सोचे की उसे कुछ करना है । राष्ट्र को गढ़ने में अनेक युवाओं का योगदान रहा जिसमें से प्रमुख निम्न हैं। 1. जगदगुरूआदि शंकराचार्य :- मात्र 32 वर्ष की अवस्था में इतना कार्य कर गए जो दिव्य आत्मा ही कर सकती है। लगभग 25 वर्ष की आयु में कुम्भ मेले की लुप्त हो चुकी परम्परा को स्थापित किया। संत समाज की अखाडा परम्परा को पुनर्जीवित कर राष्ट्र के चारों दिशाओं में चार पीठ का गठन कर सम्पूर्ण भारतवर्ष को आध्यात्मिक और संस्कृतिक रूप से एक अखण्ड राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित किया। मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने अपना शरीर केदारनाथ में त्याग दिया। केदारनाथ मंदिर के पीछे उनकी समाधी है। 2. पृथ्वीराज चौहान :- 30 वर्ष के युवा पृथ्वीराज ने अपने राज्य का विस्तार कर शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य स्थापित किया। पुण्य भूमि पर आक्रमण करने वाले मुहम्मद गौरी को अनेक बार पराजित किया। उनके जीवित रहते किसी म्लेच्छ शत्रु का भारत को अपने अधीन करने का स्वप्न साकार नहीं हुआ। 3. महाराणा प्रताप :- 32 वर्ष के युवा प्रताप ने भगवान एकलिंगजी की कसम खाकर प्रतिज्ञा ली। कि मुगल आक्रमणकारियों को मातृभूमि से खदेड़कर ही दम लेंगे। 40 वर्ष की आयु भीलों शक्ति को पहचानकर छापामार युद्ध पद्धति से अनेक बार मुगल सेना पराजित किया और भारत के इस्लामीकरण की अकबर की योजना सफल नहीं होने दी । 4. चंद्रगुप्त मौर्य मात्र 25 वर्ष की अल्पायु में अपने गुरु चाणक्य के निर्देशन में मगध के सिंहासन की बागडोर संभाली, शासन प्रबंध को सुदृढ़ और व्यवस्थित किया। यूनानी शत्रुओं को पराजित कर एक शक्तिशाली राष्ट्र की स्थापना की। 5. स्वामी विवेकानंद:- 1863 में बंगाल में जन्में स्वामी विवेकानंद युवा ने 30 वर्ष की आयु में शिकागो धर्म संसद में भारतीय संस्कृति का डंका बजाया। 34 वर्ष की आयु में रामकृष्ण मिशन की स्थापना कर भारत के वैभवशाली सांस्कृतिक परंपराओं की ध्वजा पताका पूरे विश्व में फैलाई। 6.भगत सिंह:- 28 सितंबर 1907 को जन्म जन्में भगत सिंह का परिवार क्रांतिकारियों का परिवार था। जलियांवाला बाग हत्याकांड ने 12 वर्षीय बालक भगत सिंह को व्यथित कर डाला था। लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए 21 वर्षीय भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 1928 में लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे, अंग्रेज अधिकारी जेपी सांडर्स को मार डाला। वें अनेक क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय थे। 23 मार्च 1931 की रात अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें फांसी दे दी। उस वक्त उनकी उम्र केवल 23 साल थी। उनके साथ ही सुखदेव और राजगुरु को भी उन्हीं के साथ फांसी दी गई थी। सभी की आयु 25 वर्ष से कम थी। हमारे देश में ऐसे असंख्य क्रांतिकारी युवाओं के नाम है की, जिनका वर्णन हम प्रतिदिन करें तो न जाने कितना समय कितने साल उसमें लग जाए। तब भी हम उन युवाओं का बखान अपनी शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाएंगे। उनके बलिदान को हमेशा हम और हमारा देश सदैव याद रखेगा और उनसे हमारे देश के युवाओं को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। क्योंकि युवा एक ऐसी अवस्था है, जिसमें व्यक्ति की क्षमता पूरे जीवन काल की अपेक्षा ज्यादा होती है। अगर उस ऊर्जा का हम सकारात्मक रूप से प्रयोग करें। तो वह हमें बहुत अच्छे परिणाम प्रदान करेगा।

Sep 21, 2023 - 11:06
Sep 21, 2023 - 12:19
 0  12
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।