गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मुख्य अतिथि

26 जनवरी,2024 को होने वाले 75वां गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मुख्य अतिथि होंगे। इसकी जानकारी फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन ने शुक्रवार यानि 22 दिसंबर को दी।

Dec 28, 2023 - 19:21
Dec 28, 2023 - 19:23
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गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मुख्य अतिथि

26 जनवरी,2024 को होने वाले 75वां गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मुख्य अतिथि होंगे। इसकी जानकारी फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन ने शुक्रवार यानि 22 दिसंबर को दी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में पुष्टि करते हुए बताया, की “PM मोदी के निमंत्रण पर फ्रांस के राष्ट्रपति "EMMANUEL MACRON PRESIDENT OF FRANCE" इस बार के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत आएंगे। 

भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होना सम्मान की बात क्यों?

भारत में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना प्रोटोकॉल के संदर्भ में किसी देश द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। इस समारोह के दौरान मुख्य अतिथि कई औपचारिक गतिविधियों में सबसे आगे और केंद्र में होता है। इस दौरान मुख्य अतिथि को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। जिसके बाद सांयकाल में भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक स्वागत समारोह आयोजित किया जाता है। प्रधानमंत्री की ओर से मुख्य अतिथि के लिए दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया जाता है। इस दौरान उनसे उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री मुलाकात करते है। पूर्व भारतीय विदेश सेवा अधिकारी और राजदूत मनबीर सिंह ने 1999 और 2002 के बीच प्रोटोकॉल के प्रमुख के तौर पर काम किया। उन्होंने THE INDIAN EXPRESS को बताया था कि मुख्य अतिथि की यात्रा प्रतीकात्मकता से भरी होती है।

गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि कैसे चुना जाता है?

समारोह की यह प्रक्रिया आयोजन से लगभग 6 महीने पहले ही शुरू हो जाती है। राजदूत मनबीर सिंह ने बताया था कि, निमंत्रण देने से पहले विदेश मंत्रालय सभी प्रकार के विचारों को ध्यान में रखता है। और आपसी देशों की सबंधता को ध्यान में रखकर यानि कि भारत और संबंधित देश के बीच रिश्ता कैसा है। गणतंत्र दिवस परेड समारोह में मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण भारत और आमंत्रित व्यक्ति के देश के बीच मित्रता का संकेत माना जाता है। निर्णय लेते हुए भारत के राजनीतिक,वाणिज्यिक,सैन्य और आर्थिक हितों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। विदेश मंत्रालय इस अवसर का उपयोग इन सभी मामलों में आमंत्रित देश के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए करना चाहता है।

समारोह में आमत्रंण का एक अन्य कारक गुटनिरपेक्ष आंदोलन रहा है। ऐतिहासिक रूप से जो देश इस आंदोलन से जुड़े रहे हैं,उन्हें भारत प्रमुखता देता रहा है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन 1950 के दशक के अंत और 1960 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था। राष्ट्र निर्माण यात्रा में एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए नव उपनिवेशित देशों का एक अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक आंदोलन था। 1950 में परेड के पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे,जो गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 5 संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

विदेश मंत्रालय द्वारा अपने विकल्पों पर निर्णय लेने के बाद क्या होता है?

विदेश मंत्रालय, उचित विचार-विमर्श के बाद इस मामले पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी चाहता है। मंजूरी मिलने के बाद संबंधित देश में भारतीय राजदूत संभावित आने वाले मुख्य अतिथि की उपलब्धता के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं। यह इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि राष्ट्राध्यक्षों का व्यस्त कार्यक्रम होना असामान्य बात नहीं है। यह भी एक कारण है कि विदेश मंत्रालय सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि संभावित उम्मीदवारों की एक सूची बनाता है। संभावित अतिथि को चुन लिए जाने के बाद, भारत और आमंत्रित व्यक्ति के देश के बीच आधिकारिक बातचीत शुरू होती है। विदेश मंत्रालय का TERRITORIAL DIVISION TALKS और AGREEMENTS की दिशा में काम करते हैं। PROTOCOL MAJOR PROGRAM और LOGISTICS के डिटेल्स पर काम करता है। यात्रा और गणतंत्र दिवस समारोह के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम प्रोटोकॉल प्रमुख द्वारा मेहमान देश के अपने समकक्ष के साथ साझा किया जाता है।

क्या यात्रा के दौरान चीज़ें गलत भी हो सकती हैं?

इस बात की आशंका हमेशा बनी रहती है कि चीज़ें योजनानुसार होंगी या नहीं। ऐसी स्थिति में आयोजकों को पहले से तैयारी करनी होती है। बेमौसम बारिश बहुत कुछ बिगाड़ सकती है। आयोजक सभी प्रकार की स्थितियों के लिए इमरजेंसी की तैयारी करते हैं और उनका पूर्वाभ्यास करते हैं। ताकि कार्यक्रम वाले दिन सब चीजें सुचारू रूप से चल सकें।

समारोह के दौरान मीडिया कवरेज पर खास ध्यान

भारत की जांच एजेंसी इस बात को लेकर सचेत रहती है कि, अतिथि के साथ आने वाला मीडिया दल यात्रा के हर पहलू पर अपने देश में रिपोर्टिंग करे। अच्छे संबंधों को बढ़ावा देने और आगे बढ़ाने के लिए,यह आवश्यक है कि अतिथि का देश इस यात्रा को सफल माने और उनके राज्य प्रमुख को सभी शिष्टाचार दिखाए जाएं और उचित सम्मान दिया जाए। राजदूत बताते है कि, आधुनिक दुनिया में मीडिया कवरेज का बहुत महत्व माना जाता है। कार्यक्रम के PROTOCOL MAJOR इस बात को ध्यान में रखते हैं। भारत का आतिथ्य सत्कार इसकी परंपराओं,संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है।

गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि किसी देश के राष्ट्रप्रमुख को दिया जाने वाला एक औपचारिक सम्मान है। लेकिन इसका महत्व केवल औपचारिक समारोह से कहीं अधिक माना जाता है। इस तरह की यात्राओं से देश के लिए नई संभावनाएं खुलती हैं और दुनिया में भारत के हितों को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है।

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।