वाराणसी : काशी नगरी के "रामनाम बैंक" में खुलता है, नवसंवत्सर का खाता

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम

Apr 7, 2024 - 21:37
Apr 8, 2024 - 11:04
 0
वाराणसी : काशी नगरी के "रामनाम बैंक" में खुलता है, नवसंवत्सर का खाता

काशी:  नगरी के रामनाम बैंक में खुलता है नवसंवत्सर का खाता

सनातन परंपरा में चैत्र नवरात्र से नवसंवत्सर आरंभ होने की मान्यता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवसंवत्सर पर नौ देवी या नी गौरी के पूजन का आरंभ होता है और इसकी पूर्णता श्रीराम जन्मोत्सव यानी रामनवमी के साथ होती है। शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम  के जन्म लेने का उत्सव अयोध्या ही नहीं, काशी में राम रमापति बैंक में भी अनोखे ढंग से मनाया जाता है। अंग्रेजी नववर्ष के स्वागत में जहां पटाखों का शोर होता है, वहीं नवसंवत्सर का आयोजन रामनाम के इस अनोखे बैंक में वैदिक परंपराओं और रीतियों के साथ होता है। राम जन्मोत्सव के आयोजन से लोगों को जोड़ने का न्यौता भी लपकर तैयार है।

 चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से ही काशी की त्रिपुरा सुंदरी गली में दशाश्वमेध घाट के पास स्थित राम रमापति बैंक में साज सज्जा और पूजन का क्रम तथा भकों का आगमन शुरू हो जाता है।

Why is Chaitra so important in Hindu religion? | Chaitra Month 2024: 26  मार्च से चैत्र मास, हिंदू धर्म में क्यों है चैत्र का इतना महत्व


रामनवमी पर खुलता खाताः राग रमापत्ति बैंक में नवसंवत्सर के अवसर पर रामनवमी के दिन भक्तों का खाता खोला जाता है। यहां कर्ज के तौर पर सवा लाख श्रीराम के नाम का कर्ज मिलता है। राशि और गाम से शुभ मुहूर्त निकालकर बैंक की और से राम बुक से लेकर कलम तक निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

सात्विक जीवन जीने के साथ ही राम नाम के कर्ज को पूरा कर इस बैंक में वापस जमा करने पर ब्याज के रूप में गनोकामना पूर्ण होने की मान्यता है। इस अनोखे बैंक में अब तक 19 अरब 45 करोड़ 65 लाख 50 हजार राम नामावली को जमा किया जा चुका है। 

Navratri 2020: 25 मार्च से शुरू हो रहे हैं नवरात्र, जानिये- मां को प्रसन्न  करने के लिए क्या उपाय किये जाते हैं | Jansatta

अनोखे बैंक की अनोखी परंपराः नवसंवत्सरपर सनातन परंपरा की थाती को सहेजने और उसे संवारने के क्रम में बैंक की स्थापना के 97वें वर्ष में भी पूर्व की भांति रामलला को वर्ष भर अर्पित खिलौने, वस्त्र आदि बच्चों और जरूरतमंदों में वितरित किया जाना है।

वहीं आयोजनों के क्रम में अरबों रामनाम लिखित नामावली की परिक्रमा, ब्रह्मांड प्रदक्षिणा, झांकी, रामकथा, कीर्तन, उप पाठ, भगवचरण वर्णन, रामधुन आदि की परंपराओं का निर्वहन होता है तो नवसंवत्सर पर नई कागनाओं के लिए सगनाग का ऋण लेने और उऋण होने के साथ ब्याज में राग की कृपा की कागना से श्रद्धालु आते हैं। 

प्रबंधक दास कृष्ण चंद्र बताते हैं कि नवसंवत्सर पर राम जन्मोत्सव का समापन दंडी स्वामियों और भक्तों के लिए भंडारे के साथ होता है। इस मंदिर में अरबों राम नाम की परिक्रमा वर्ष में मात्र दस दिन ही होती है। यह आयोजन इसबार 17 अप्रैल से 26 अप्रैल तक होना है। (वाराणसी से अभिषेक शर्मा)

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com