शिवाजी का प्रतापगढ़ किला हो रहा अतिक्रमण का शिकार

इसी किले में अपने बाघनख से छत्रपति शिवाजी ने चीरा था अफजल खान का पेट, सतारा जिले में स्थित किला परिसर और इसके इर्द- गिर्द तेजी से हो रहा अतिक्रमण, कोल्हापुर स्थित विशालगढ़ किले पर पथराव की घटना ने वहां भी अवैध कब्जे की हकीकत दर्शाई

Jul 16, 2024 - 21:01
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शिवाजी का प्रतापगढ़ किला हो रहा अतिक्रमण का शिकार

महाराष्ट्र के सतारा जिले में समुद्र  तल से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित प्रतापगढ़ किला। वही किला, जहां मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने बीजापुर के आदिलशाही वंश के सेनापति अफजल खान का अपने बाघनख से वध किया था, उसका पेट चीर डाला था। लेकिन विडंबना देखिए, छत्रपति शिवाजी की वीरता और पराक्रम की कहानी बयां करने वाले इस किले की आन-बान-शान खतरे में है। किला परिसर और इसके इर्द-गिर्द अतिक्रमण किया जा रहा है। रविवार को कोल्हापुर स्थित विशालगढ़ किले पर हुए पथराव ने वहां भी हुए अतिक्रमण की कहानी लोगों के सामने ला दी है। विशालगढ़ किले का इतिहास भी आदिलशाही सल्तनत से शिवाजी के टकराव
से ही जुड़ता है। पूर्व में भी प्रतापगढ़ किले के आसपास और अफजलखान की कब्र के चारों ओर कब्जा कर लिया गया था। इस कब्र को पिछले 20-25 वर्षों में मकबरे का रूप दे दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि वहां मौलानाओं के लिए कमरे तक बना दिए गए। ये मौलाना किले पर जाने वाले पर्यटकों को अफजल की वीरता की गाथा सुनाते थे। मामला मुंबई हाई कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने 15 अक्टूबर, 2008 को फैसला सुनाते हु

एवन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। 2017 में कोर्ट ने फिर कब्जे हटाने का आदेश दिया, फिर भी इन्हें हटाया नहीं जा सका था। इसके बाद 2022 में राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर अफजल खान की कब्र के आसपास अतिक्रमण हटा दिया गया था, लेकिन अब फिर किला परिसर और आसपास कब्जे होने लगे हैं।
विशालगढ़ किले की बात करें तो ठीक 364 वर्ष पहले शिवाजी आदिलशाही सेना के सेनापति सिद्धी मसूद के जाल से बचकर इसी किले में पहुंचे थे। उन्हें वहां पहुंचाने के लिए दो मराठा योद्धाओं बाजी प्रभु एवं फुलजी ने लड़ते-लड़ते अपनी जान दे दी थी।

विशालगढ़ किले के आसपास पहले थे 55 प्राचीन मंदिर, अब 20-25 ही बचे  

आदिलशाही सेना संग हुई लड़ाई को 'पावनखिंड की लड़ाई' के नाम से जाना जाता है। अब उसी विशालगढ़ के आसपास बड़ी मुस्लिम आबादी बसी है। वहां हजरत सैयद मलिक रेहान मीर की दरगाह के अलावा एक मस्जिद और काफी दूर तक अवैध निर्माण हुआ है। आसपास रहने वालों का कहना है कि वहां बड़े पैमाने पर मांस का कारोबार होता है। शिवाजी के लिए अपने प्राण देने वाले दोनों मराठा योद्धाओं के बलिदान को याद करने के लिए ही रविवार को कुछ हिंदू संगठन विशालगढ़ किले पर पहुंचे थे। उन्होंने वहां हो रहे अतिक्रमण के विरुद्ध प्रदर्शन करने का फैसला किया तो दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध किया और पथराव होने लगा। इस घटना के बाद समर्थकों के साथ विशालगढ़ किले पर पहुंचे शिवाजी की गद्दी के वंशज छत्रपति संभाजी महाराज ने किले के आसपास लगातार बढ़ते जा रहे अतिक्रमण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। महान संत तुकाराम महाराज के 11वें वंशज शिरीष मोरे ने कहा कि किले पर हाल के वर्षों में अतिक्रमण में काफी बढ़ोतरी हुई है। पहले किले और उसके आसपास 55 प्राचीन मंदिर थे, अब 20-25 ही बचे हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार