NEET  पेपर लीक: सीबीआई की जांच के दायरे में लगातार घोटाले

NEET UG परीक्षा में एक और महत्वपूर्ण उल्लंघन देखा गया जब नागपुर में आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस के मालिक परिमल को दिवाकर सिंह और अन्य लोगों के साथ प्रॉक्सी उम्मीदवारों से जुड़ी एक योजना में फंसाया गया।

Jun 24, 2024 - 19:09
Jun 24, 2024 - 19:10
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NEET  पेपर लीक: सीबीआई की जांच के दायरे में लगातार घोटाले
गिरोहों और व्यापक गिरफ्तारियों का समाधान

NEET  पेपर लीक: सीबीआई जांच के तहत बार-बार आने वाला मुद्दा


राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) को पिछले कुछ वर्षों में पेपर लीक और कदाचार के मामलों के साथ कई विवादों का सामना करना पड़ा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इन मुद्दों की जांच में सबसे आगे रही है, 2018, 2021 और 2022 में महत्वपूर्ण मामले सामने आए हैं।

NEET पेपर लीक मामले में CBI की कार्रवाई: 5 महत्वपूर्ण बिंदु

  1. तेजी से जांच की शुरुआत:

    • हाल ही में, बिहार और गुजरात में NEET पेपर लीक मामले में CBI ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ नया मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
  2. पिछले मामलों की निरंतरता:

    • 2018, 2021 और 2022 में भी NEET परीक्षा में गड़बड़ियों की जांच के मामले में CBI ने FIR दर्ज कर जांच की थी, जो अभी भी चल रही है।
  3. 2022 का सॉल्वर गैंग मामला:

    • 17 जुलाई 2022 को, CBI ने सॉल्वर गैंग के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसमें 11 नामजद और अज्ञात लोग शामिल थे। आरोपियों ने असली छात्रों की जगह फर्जी आईडी का उपयोग कर परीक्षा दी थी।
  4. 2021 का प्रॉक्सी कैंडिडेट्स मामला:

    • 2021 में, नागपुर के आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस के मालिक परिमल और उनके सहयोगियों ने प्रॉक्सी कैंडिडेट्स के माध्यम से परीक्षा पास कराने के लिए छात्रों के परिवारों से 50 लाख रुपये की मांग की थी। इस मामले में CBI ने परिमल और दिवाकर को गिरफ्तार किया था।
  5. 2018 का मामला:

    • 2018 में, CBI ने दिल्ली के अकुर्ति एजुकेशन के मालिकों—आरती तोमर, अश्वनी तोमर और मोहित चौधरी—के खिलाफ FIR दर्ज की थी। ये लोग परीक्षार्थियों के परिवारों को गलत तरीकों से परीक्षा पास कराने का लालच देते थे।

CBI की जांच इन सभी मामलों में जारी है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। 

क्या है पूरा मामला  2018: प्रारंभिक जांच


2018 में, NEET UG परीक्षा कोचिंग संस्थानों के प्रमुख व्यक्तियों से जुड़े कदाचार के आरोपों से प्रभावित हुई थी। सीबीआई ने दिल्ली के वेस्ट पटेल नगर में अकुर्ती एजुकेशन के मालिकों- आरती तोमर, अश्विनी तोमर और एक सहयोगी मोहित चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। उन पर अवैध तरीकों से परीक्षा में सफलता की गारंटी के वादे के साथ परिवारों को लुभाने का आरोप लगाया गया था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की शिकायत के बाद, सीबीआई ने गहन जांच शुरू की, जो अभी भी जारी है।

2021: प्रॉक्सी उम्मीदवार और धोखाधड़ीपूर्ण आचरण


2021 NEET UG परीक्षा में एक और महत्वपूर्ण उल्लंघन देखा गया जब नागपुर में आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस के मालिक परिमल को दिवाकर सिंह और अन्य लोगों के साथ प्रॉक्सी उम्मीदवारों से जुड़ी एक योजना में फंसाया गया। परिमल ने कथित तौर पर वास्तविक छात्रों के स्थान पर प्रॉक्सी उम्मीदवारों को परीक्षा देने का वादा करते हुए छात्रों के परिवारों से 50 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद सीबीआई द्वारा दिल्ली और रांची में परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी के बाद परिमल और दिवाकर सहित कई गिरफ्तारियां हुईं। जांच में पता चला कि आईडी कार्ड और पासवर्ड में छेड़छाड़ की गई थी, जिससे धोखेबाजों को परीक्षा में बैठने की इजाजत मिल गई।

2022: गिरोहों और व्यापक गिरफ्तारियों का समाधान


2022 में, सीबीआई ने 17 जुलाई को एक नई एफआईआर दर्ज की, जिसमें उसी दिन आयोजित NEET UG परीक्षा के दौरान संचालित एक सॉल्वर गिरोह को निशाना बनाया गया। दिल्ली और हरियाणा के केंद्रों पर ऑफ़लाइन आयोजित की गई परीक्षा में ऐसे उदाहरण देखे गए, जहां धोखेबाजों ने वास्तविक उम्मीदवारों को बदलने के लिए जाली आईडी कार्ड का इस्तेमाल किया। सीबीआई की त्वरित कार्रवाई से कई गिरफ्तारियां हुईं और योजना में शामिल 11 नामित और कई अज्ञात व्यक्तियों की पहचान की गई। एजेंसी पहले ही आरोप पत्र दायर कर चुकी है और मुकदमा अभी चल रहा है।

वर्तमान स्थिति और चल रही जांच


सीबीआई इन मामलों की जांच जारी रखे हुए है, जिसका लक्ष्य इन कदाचारों में शामिल नेटवर्क की पूरी सीमा को उजागर करना है। कई गिरफ़्तारियों और आरोपपत्रों के बावजूद, कुछ संदिग्ध बड़े पैमाने पर बने हुए हैं। चल रही जांच एनईईटी परीक्षा प्रक्रिया में लगातार कमजोरियों और ऐसे महत्वपूर्ण मूल्यांकन की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को उजागर करती है।

इन सभी का समाधान क्या है


एनईईटी परीक्षा में बार-बार आने वाले मुद्दे भविष्य में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़े निरीक्षण और नवीन समाधानों की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। इन उल्लंघनों को संबोधित करने में सीबीआई की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है, लेकिन भारत में लाखों इच्छुक मेडिकल छात्रों के भविष्य की सुरक्षा के लिए निरंतर सतर्कता और प्रणालीगत सुधार जरूरी हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,