3 नवंबर का इतिहास

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Nov 3, 2024 - 12:23
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3 नवंबर का इतिहास

3 नवंबर 644 - उमर इब्न अल खत्ताब
दूसरे मुस्लिम खलीफा उमर इब्न अल खत्ताब की हत्या 644 में मदीना में एक फारसी गुलाम द्वारा की गई थी। उमर का शासनकाल इस्लाम के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण था, जिसमें उन्होंने कई देशों पर विजय प्राप्त की और इस्लामिक प्रशासन को व्यवस्थित किया। उनकी हत्या के पीछे कई कारण माने जाते हैं, जिसमें धार्मिक और राजनीतिक कारण शामिल थे। उनके योगदान के कारण उन्हें इस्लामिक इतिहास में अत्यधिक सम्मान प्राप्त है।

3 नवंबर 1394 - चार्ल्स षष्ठम
1394 में, फ्रांस के सम्राट चार्ल्स षष्ठम ने यहूदियों को फ्रांस से निष्कासित कर दिया। यहूदियों पर विभिन्न प्रकार के आरोप लगाए गए, जिसके कारण यह निर्णय लिया गया। उस समय फ्रांस में यहूदी समुदाय कई व्यवसायों में शामिल था, परंतु धार्मिक भेदभाव और आर्थिक संघर्ष के कारण उन्हें देश से बाहर किया गया। यह घटना यहूदी समुदाय के इतिहास में एक दुखद अध्याय मानी जाती है।

3 नवंबर 1493 - क्रिस्टोफर कोलंबस
1493 में क्रिस्टोफर कोलंबस ने अपने दूसरे अभियान के दौरान डोमिनिका द्वीप की खोज की। कोलंबस का उद्देश्य भारत और एशिया की नई व्यापारिक मार्गों की खोज करना था, लेकिन वह अटलांटिक महासागर के कैरिबियन द्वीपों में पहुंचा। डोमिनिका की खोज ने यूरोपीय उपनिवेशवाद को नया विस्तार दिया और नई दुनिया की और खोजों के लिए प्रेरणा प्रदान की।

3 नवंबर 1655 - इंग्लैंड और फ्रांस का समझौता
1655 में इंग्लैंड और फ्रांस ने सैन्य और आर्थिक सहयोग पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस संधि का मुख्य उद्देश्य यूरोप के बीच व्यापारिक और सैन्य संतुलन को बनाए रखना था। दोनों देशों के बीच इस गठबंधन ने यूरोपीय राजनीति और व्यापार पर गहरा प्रभाव डाला और आने वाले वर्षों में कई युद्धों की दिशा को प्रभावित किया।

3 नवंबर 1762 - पेरिस की संधि
1762 में ब्रिटेन और स्पेन के बीच पेरिस की संधि हुई, जिसमें दोनों देशों ने अपने संघर्षों को समाप्त करने का निर्णय लिया। यह संधि अमेरिका, कैरेबियन, और फिलीपींस जैसे क्षेत्रों में भी प्रभाव डालती रही। इस संधि के परिणामस्वरूप क्षेत्रीय विस्तार और शक्ति संतुलन में कई परिवर्तन हुए, जिसने वैश्विक राजनीति पर भी असर डाला।

3 नवंबर 1796 - जॉन एडम्स
1796 में जॉन एडम्स को अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। वे अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे और अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति बने। उनके कार्यकाल में अमेरिका के विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में योगदान दिया। एडम्स की नीतियाँ और सिद्धांत अमेरिकी राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

3 नवंबर 1857 - नानाराव की संपत्ति
1857 में ब्रिटिश सरकार ने मथुरा में स्थित नानाराव पेशवा की संपत्ति को ध्वस्त करने का आदेश दिया। नानाराव ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजी सत्ता को कड़ी टक्कर दी, जिसके बाद ब्रिटिशों ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया।

3 नवंबर 1869 - हैमिल्टन फुटबॉल क्लब
1869 में कनाडा में हैमिल्टन फुटबॉल क्लब की स्थापना की गई, जो बाद में कैनेडियन फुटबॉल के विकास में सहायक साबित हुआ। इस क्लब ने फुटबॉल के क्षेत्र में कनाडा के युवाओं को एक नया मंच प्रदान किया और फुटबॉल की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

3 नवंबर 1903 - पनामा की आजादी
1903 में पनामा को कोलंबिया से स्वतंत्रता मिली। अमेरिका के समर्थन से पनामा ने स्वतंत्रता प्राप्त की और इसके बाद पनामा नहर का निर्माण शुरू हुआ, जो वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बन गया। पनामा की आजादी और नहर निर्माण ने इसे एक रणनीतिक स्थान बना दिया।

3 नवंबर 1938 - असम हिन्दी प्रचार समिति
1938 में ‘असम हिन्दी प्रचार समिति’ की स्थापना हुई, जिसका उद्देश्य असम में हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करना था। यह संस्था हिंदी भाषा को स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती रही है, जिससे क्षेत्रीय भाषाई समन्वय को बढ़ावा मिला।

3 नवंबर 1948 - नेहरू का संयुक्त राष्ट्र में पहला भाषण
1948 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना पहला भाषण दिया। नेहरू ने इस भाषण में विश्व शांति, विकास और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका यह भाषण भारत की विदेश नीति और संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका के लिए मार्गदर्शक बना।

3 नवंबर 1958 - सोवियत परमाणु परीक्षण
1958 में तत्कालीन सोवियत संघ ने एक परमाणु परीक्षण किया। यह परीक्षण शीत युद्ध के दौरान वैश्विक शक्ति संतुलन के लिए किया गया था। इससे वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों की होड़ और भी बढ़ गई, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरे बढ़े।

3 नवंबर 1962 - गोल्ड बॉन्ड योजना
1962 में चीन के हमले के चलते भारत ने गोल्ड बॉन्ड योजना की घोषणा की, ताकि युद्ध के लिए आर्थिक संसाधन जुटाए जा सकें। इस योजना का उद्देश्य जनता से सोने के बदले में बॉन्ड जारी कर धन एकत्र करना था, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके।

3 नवंबर 1984 - सिख विरोधी दंगे
1984 में भारत में सिख विरोधी दंगे हुए, जिसमें तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए। यह दंगे इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे। इस घटना ने देश में सांप्रदायिक सद्भाव को गहरा आघात पहुंचाया और कई परिवारों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

3 नवंबर 1988 - मालदीव में विद्रोह
1988 में भारतीय वायु सेना ने आगरा से एक पैराशूट बटालियन समूह को मालदीव भेजा। भारतीय सेना ने मालदीव में हुए विद्रोह को कुचलने में वहां की सरकार की मदद की। इस अभियान से भारत की सामरिक शक्ति का प्रदर्शन हुआ और मालदीव की सरकार को संकट से बाहर निकाला गया।

3 नवंबर 1997 - जी-15 सम्मेलन
1997 में जी-15 समूह का सातवां शिखर सम्मेलन कुआलालम्पुर में शुरू हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य विकासशील देशों के बीच आर्थिक सहयोग और तकनीकी सहायता को बढ़ावा देना था। सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और संयुक्त परियोजनाओं पर चर्चा की गई।

3 नवंबर 2000 - डीटीएच सेवा
2000 में भारत सरकार ने डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) प्रसारण सेवा की शुरुआत की, जिससे हर व्यक्ति के लिए टेलीविजन प्रसारण की पहुंच सुगम हुई। यह सेवा विशेष रूप से उन दूरदराज के क्षेत्रों के लिए लाभकारी सिद्ध हुई जहां केबल सेवा उपलब्ध नहीं थी।

3 नवंबर 2001 - लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध
2001 में अमेरिका ने आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगा दिया। ये संगठन कई आतंकी गतिविधियों में शामिल थे। प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य आतंकवाद पर नकेल कसना और वैश्विक सुरक्षा को बढ़ावा देना था।

3 नवंबर 2002 - लिट्टे का निर्णय
2002 में नखोम पाथोम की बैठक में लिट्टे ने राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। यह निर्णय लिट्टे द्वारा संघर्ष से बातचीत के माध्यम से समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।

3 नवंबर 2003 - पाकिस्तान और चीन के समझौते
2003 में पाकिस्तान और चीन ने बीजिंग में आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सैन्य संबंधों को मजबूत करना था। दोनों देशों के बीच यह सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है।

3 नवंबर 2006 - भारत-बेल्जियम सामाजिक सुरक्षा समझौता
2006 में भारत और बेल्जियम के बीच सामाजिक सुरक्षा गारंटी पर समझौता हुआ, जिससे दोनों देशों के कामगारों को सुरक्षा लाभ मिल सकें। इसका उद्देश्य प्रवासी कामगारों की सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करना था।

3 नवंबर 2007 - बेनजीर भुट्टो नजरबंद
2007 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रमुख बेनजीर भुट्टो को उनके घर में नजरबंद किया गया। उसी दिन परवेज मुशर्रफ ने संविधान को रद्द कर आपातकाल की घोषणा की और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बर्खास्त कर दिया।

3 नवंबर 2013 - रेशमा
प्रसिद्ध पाकिस्तानी लोक गायिका रेशमा को उनकी सुरीली आवाज़ और दिल छू लेने वाले गीतों के लिए जाना जाता है। वह विशेष रूप से पंजाबी और सिंधी लोक गीतों के लिए प्रसिद्ध थीं। उनके द्वारा गाए गए गीत "लंबी जुदाई" और "दमादम मस्त कलंदर" ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई। रेशमा का योगदान लोक संगीत में अद्वितीय था, और उनकी विरासत आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित है। उनके निधन से भारतीय उपमहाद्वीप में लोक संगीत को बड़ी क्षति पहुंची।

3 नवंबर 2008 - ललित मोहन शर्मा
भारत के 24वें मुख्य न्यायाधीश ललित मोहन शर्मा का कार्यकाल न्यायिक प्रणाली में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में न्याय प्रदान किया और भारतीय न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनका कानून के क्षेत्र में योगदान महत्वपूर्ण था, जिससे भारत की न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ी। ललित मोहन शर्मा का न्यायिक सेवा में योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

3 नवंबर 1977 - भगवंतराव मंडलोइ
मध्य प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री भगवंतराव मंडलोइ ने राज्य के विकास और सुधार में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सुधारों के लिए कार्य किया। उनकी राजनीतिक सूझबूझ और जनता के लिए समर्पण उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाते हैं। भगवंतराव का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल राज्य के इतिहास में एक प्रेरणादायक अध्याय है। उनका योगदान हमेशा मध्य प्रदेश की जनता के दिलों में बसा रहेगा।

3 नवंबर 1947 - सोमनाथ शर्मा
परमवीर चक्र पाने वाले पहले भारतीय सैनिक मेजर सोमनाथ शर्मा ने 1947 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। कश्मीर में अपने साथियों के साथ संघर्ष करते हुए उन्होंने अंतिम समय तक दुश्मनों का सामना किया और वीरगति प्राप्त की। उनके इस अद्वितीय बलिदान को भारत में सदैव सम्मान के साथ याद किया जाता है। उनका साहस और कर्तव्यनिष्ठा भारतीय सेना के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

3 नवंबर 1947 - दीवान सिंह दानू
महावीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक दीवान सिंह दानू ने 1947 के युद्ध में अद्वितीय वीरता का परिचय दिया। वह अपने अदम्य साहस और देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं। उनके बलिदान से प्रेरणा पाकर भारतीय सेना के जवानों में मातृभूमि की रक्षा का जज्बा और भी मजबूत हुआ। दीवान सिंह दानू का नाम भारत के वीर सैनिकों में सदा अमर रहेगा।

3 नवंबर 1936 - चिदंबरम पिल्लई
तमिल भाषा के विद्वान और समाज-सुधारक चिदंबरम पिल्लई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। वे स्वदेशी आंदोलन के समर्थक थे और उन्होंने भारतीय व्यापार को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। उनके प्रयासों ने तमिलनाडु के लोगों में आत्मगौरव और स्वतंत्रता की भावना जगाई। समाज-सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा और तमिल समाज में उन्हें अत्यधिक सम्मान प्राप्त है।


3 नवंबर - अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास दिवस (सप्ताह)
हर साल 3 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास दिवस मनाया जाता है, जो मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों को समर्पित है। यह दिन रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट संगठनों के कार्यों का सम्मान करने के लिए है, जो दुनिया भर में आपातकालीन सहायता, स्वास्थ्य सेवाएं और मानवीय सेवाएं प्रदान करते हैं। यह दिन सभी को दूसरों की सहायता करने के लिए प्रेरित करता है और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देता है। रेड क्रास के सेवाकर्मियों की निःस्वार्थ सेवा की भावना का यह दिवस समर्पण को सलाम करता है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार