ट्रंप के 104% टैरिफ बम का वैश्विक असर : भारत समेत कई देशों को लगेगा झटका

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 104% टैरिफ लगाने से अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और गहरा गया है। इसका असर न केवल इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा, बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया को वैश्विक मंदी, महंगाई और सप्लाई चेन में रुकावट जैसे खतरों का सामना करना पड़ सकता है Global impact of Trump 104% tariff bomb Many countries including India will be shocked, ट्रंप के 104% टैरिफ बम का वैश्विक असर : भारत समेत कई देशों को लगेगा झटका

Apr 9, 2025 - 14:43
Apr 9, 2025 - 14:44
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ट्रंप के 104% टैरिफ बम का वैश्विक असर : भारत समेत कई देशों को लगेगा झटका

ट्रंप के 104% टैरिफ बम का वैश्विक असर : भारत समेत कई देशों को लगेगा झटका

नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित सामानों पर 104% तक का जवाबी शुल्क लगा दिया है। यह फैसला बुधवार, 9 अप्रैल की मध्यरात्रि से लागू हो गया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक टकराव एक नए चरण में पहुंच गया है। इसका असर सिर्फ अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत समेत पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा प्रभाव पड़ने वाला है।

क्या है पूरा मामला?

2 अप्रैल को ट्रंप ने "रेसिप्रोकल टैरिफ" की घोषणा की थी, जिसके तहत चीन पर 34% अतिरिक्त कर लगाया गया था। जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सामान पर समान दर से टैक्स लगाया। लेकिन अब ट्रंप ने 104% का भारी भरकम शुल्क लगाकर चीन पर आर्थिक दबाव और बढ़ा दिया है।

चीन-अमेरिका व्यापार का गणित

वर्ष 2024 में अमेरिका और चीन के बीच लगभग 585 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इसमें से अमेरिका ने 440 अरब डॉलर मूल्य का सामान चीन से आयात किया, जबकि चीन ने केवल 145 अरब डॉलर का सामान अमेरिका से मंगवाया। इस प्रकार अमेरिका का व्यापार घाटा 295 अरब डॉलर रहा, जिसे ट्रंप अब टैरिफ के जरिए संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या-क्या होगा महंगा?

चीन से अमेरिका में होने वाले आयात का सबसे बड़ा हिस्सा स्मार्टफोन हैं, जिनकी हिस्सेदारी 9% है। एप्पल जैसी अमेरिकी कंपनियां अपने डिवाइस चीन में बनवाती हैं। 104% टैरिफ लागू होने से अमेरिका में स्मार्टफोन्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर, खिलौने और इलेक्ट्रिक कार की बैटरियों जैसी वस्तुएं अब महंगी हो जाएंगी।

उधर, चीन अमेरिका से सोयाबीन, फार्मास्यूटिकल्स और पेट्रोलियम उत्पाद मंगवाता है। इन पर भी कीमतों का असर पड़ेगा, जिसका सीधा असर चीनी उपभोक्ताओं की जेब पर दिखेगा।

भारत समेत दुनिया पर क्या पड़ेगा असर?

इस टैरिफ युद्ध से वैश्विक आपूर्ति शृंखला (Global Supply Chain) प्रभावित होगी। बीते बुधवार को चीन का सीएसआई 300 इंडेक्स 1.2% और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 1.1% गिरा। भारत के शेयर बाजार में भी कमजोरी दर्ज की गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस व्यापार युद्ध से वैश्विक मंदी का खतरा गहरा सकता है। गोल्डमैन सैक्स और बीएनपी पारिबा का अनुमान है कि 54% टैरिफ के स्तर पर ही चीन की जीडीपी में 2.4% तक की गिरावट संभव है। कोविड के बाद से उबर रही चीनी अर्थव्यवस्था पर यह एक और झटका होगा।

भारत की स्थिति क्या होगी?

भारत की अर्थव्यवस्था इस संकट से पूरी तरह अछूती नहीं रहेगी। एक ओर अगर चीन से अमेरिका में निर्यात घटता है, तो चीन अपने माल को भारत जैसे बाजारों में खपाने की कोशिश करेगा, जिससे भारतीय उत्पादकों को नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर, अमेरिका में महंगे होते आयात से ग्लोबल महंगाई बढ़ेगी, जिसका असर भारत पर भी पड़ेगा।

इसके अलावा, अमेरिका और चीन की वैश्विक अर्थव्यवस्था में 43% हिस्सेदारी है (IMF के अनुसार)। ऐसे में इन दोनों की आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आने पर पूरी दुनिया में विकास दर घट सकती है, और महंगाई तथा बेरोजगारी का संकट गहरा सकता है।

अन्य देश भी चपेट में आएंगे

वियतनाम, दक्षिण कोरिया और अन्य एशियाई देश जो चीन की सप्लाई चेन से जुड़े हैं, उन्हें भी इस युद्ध की मार झेलनी पड़ेगी। अगर चीन की निर्यात क्षमता प्रभावित होती है, तो इन देशों की उद्योग इकाइयों, रोजगार और निवेश पर असर होगा।

डोनाल्ड ट्रंप के 104% टैरिफ ने वैश्विक व्यापार युद्ध की लपटों को और भड़का दिया है। अमेरिका-चीन के बीच यह टकराव न केवल इन दोनों देशों को, बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोर सकता है। भारत जैसे उभरते देशों के लिए यह एक दोधारी तलवार की तरह है – जहां एक ओर कुछ अवसर मिल सकते हैं, वहीं दूसरी ओर आर्थिक अस्थिरता का खतरा भी मंडरा रहा है।

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