भारत और बोलीविया के बीच द्विपक्षीय संबंध होंगे और प्रगाढ़, त्वरित प्रभाव परियोजनाओं पर हुआ समझौता
भारत-बोलीविया संबंधों को मज़बूती, विदेश मंत्री एस जयशंकर और सेलिंडा सोसा लुंडा ने द्विपक्षीय सहयोग व त्वरित परियोजनाओं पर समझौता किया। भारत और बोलीविया के बीच द्विपक्षीय संबंध होंगे और प्रगाढ़, त्वरित प्रभाव परियोजनाओं पर हुआ समझौता

भारत और बोलीविया के बीच द्विपक्षीय संबंध होंगे और प्रगाढ़, त्वरित प्रभाव परियोजनाओं पर हुआ समझौता
नई दिल्ली/ला पाज़: भारत और बोलीविया के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को बोलीविया की विदेश मंत्री सेलिंडा सोसा लुंडा के साथ विस्तृत चर्चा की। इस दौरान कई विषयों पर आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर सहमति बनी।
डॉ. जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्वीट में बताया, "आज दोपहर बोलीविया की विदेश मंत्री सेलिंडा सोसा लुंडा के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर व्यापक चर्चा हुई। ला पाज़ में हमारे नए दूतावास का हाल ही में उद्घाटन भारत-बोलीविया साझेदारी को गहरा करने के हमारे संकल्प को दर्शाता है। आज त्वरित प्रभाव परियोजनाओं पर समझौते पर हस्ताक्षर उस दिशा में एक और कदम है।"
भारत-बोलीविया संबंधों में नया अध्याय
गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में बोलीविया की राजधानी ला पाज़ में अपना दूतावास खोला है। इससे दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को नया आयाम मिलेगा। इसी कड़ी में त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (Quick Impact Projects) पर समझौता हुआ है, जिसका उद्देश्य बोलीविया में विकास कार्यों में भारत का सक्रिय योगदान सुनिश्चित करना है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर कौन हैं?
डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर भारत के वर्तमान विदेश मंत्री हैं। वे 2019 से इस पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वे विदेश सचिव रह चुके हैं। डॉ. जयशंकर भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1977 बैच के अधिकारी रहे हैं। उन्होंने अमेरिका, चीन और सिंगापुर में भारत के राजदूत के रूप में सेवा दी है। विदेश नीति, रणनीतिक मामलों और वैश्विक संबंधों में उनका गहरा अनुभव है।
बोलीविया की विदेश मंत्री सेलिंडा सोसा लुंडा कौन हैं?
सेलिंडा सोसा लुंडा बोलीविया की वर्तमान विदेश मंत्री हैं। वे बोलीविया की राजनीति में एक सशक्त महिला नेता के रूप में जानी जाती हैं। उनके नेतृत्व में बोलीविया ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी उपस्थिति को सशक्त किया है। वे लैटिन अमेरिका के देशों के साथ-साथ अन्य वैश्विक शक्तियों के साथ साझेदारी को मजबूती देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
भारत और बोलीविया के बीच हुए इस समझौते से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलेगी, बल्कि विकास परियोजनाओं में भी ठोस प्रगति देखने को मिलेगी। यह कदम भारत की 'ग्लोबल साउथ' देशों के साथ साझेदारी को गहराई देने की नीति का हिस्सा है।
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