लखनऊ : अभाविप का प्रांत अधिवेशन हुआ संपन्न, नवीन कार्यकारिणी का किया गया गठन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अवध प्रांत का चार-दिवसीय 64वाँ अधिवेशन भगवान वेद व्यास की नगरी सीतापुर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया। चार दिन तक चले इस प्रांत अधिवेशन में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें ‘उत्तर प्रदेश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में युवाओं की भूमिका’, ‘उत्तर प्रदेश […]

Dec 31, 2024 - 16:00
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लखनऊ : अभाविप का प्रांत अधिवेशन हुआ संपन्न, नवीन कार्यकारिणी का किया गया गठन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अवध प्रांत का चार-दिवसीय 64वाँ अधिवेशन भगवान वेद व्यास की नगरी सीतापुर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया। चार दिन तक चले इस प्रांत अधिवेशन में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें ‘उत्तर प्रदेश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में युवाओं की भूमिका’, ‘उत्तर प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य’, तथा ‘शैक्षिक गुणवत्ता और फीस वृद्धि पर ठोस कदम उठाए सरकार’ जैसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव सम्मिलित हैं। इस प्रांतीय अधिवेशन में अवध प्रांत के लगभग चौदह सौ (1400) विद्यार्थी एवं शिक्षक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए, जिसमें पुनः प्रांत अध्यक्ष एवं मंत्री के रूप में प्रो. नीतू सिंह और पुष्पेंद्र बाजपेई का निर्वाचन किया गया।

अभाविप, अवध प्रांत के इस अधिवेशन में पारित किए गए प्रस्तावों में उत्तर प्रदेश के युवाओं को और सशक्त बनाने और नए अवसर प्रदान करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में युवाओं की भूमिका’, ‘उत्तर प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य’, और शैक्षिक संस्थानों में हो रही अनुचित शुल्क वृद्धि व प्रशासनिक अराजकता की रोकथाम हेतु ‘शैक्षिक गुणवत्ता और फीस वृद्धि पर ठोस कदम उठाए सरकार’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इन प्रस्तावों को प्रांत अध्यक्ष प्रो. नीतू सिंह द्वारा सभी की सर्वसम्मति से पारित किया गया।

अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक श्री कौशल जी ने भाषण सत्र में कहा कि देश में सामाजिक और नैतिक उत्थान के लिए ‘पंच परिवर्तन’ की अवधारणा अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्व का जागरण, नागरिक कर्तव्यों का पालन और पर्यावरण संरक्षण—ये पांच आयाम समाज के सर्वांगीण विकास के प्रमुख स्तंभ हैं।

उन्होंने कहा, “विद्यार्थी परिषद का यह अभियान केवल सतही परिवर्तन तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यक्ति से समाज और राष्ट्र तक की चेतना का जागरण करने का एक व्यापक प्रयास है। जब व्यक्ति में स्व का बोध जागृत होगा, तभी परिवार, समाज और राष्ट्र में वास्तविक परिवर्तन संभव होगा।”

श्री कौशल जी ने जोर दिया कि सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्यों का पालन और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दे केवल नियमों से नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति की जागरूकता और संकल्प से ही साकार होंगे। उन्होंने कहा, “पंच परिवर्तन केवल एक विचार नहीं है, बल्कि राष्ट्र को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने की दिशा में एक ठोस संकल्प है, और यह सदैव प्रासंगिक रहेंगे।”

सत्र के अंत में उन्होंने कहा कि इन पांच परिवर्तनों को जीवन का हिस्सा बनाकर हम न केवल अपने समाज और देश को सशक्त बना सकते हैं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व की ओर भी अग्रसर हो सकते हैं।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल और अवध प्रांत के प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई ने इस सत्र हेतु नवीन कार्यकारिणी को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि अभाविप, अवध प्रांत का यह अधिवेशन ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह रहा है। मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि यह कार्यकारिणी साल भर विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए सक्रिय रूप से कार्य करती रहेगी।

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