न्यायिक प्रणाली में कम हो रहा लोगों का भरोसा- जज को लेकर बोले कपिल सिब्बल

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भारत की न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास में कमी आने को लेकर चिंता जाहिर की है. एक उन्होंने दावा किया है कि न्यायिक प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास लगातार कम हो रहा है. सिब्बल ने कहा है कि विकल्प तभी मिल सकते हैं जब सरकार और न्यायपालिका दोनों इस बात को मानें कि जजों की नियुक्ति सहित मौजूदा प्रणालियां कारगर नहीं रह गई हैं.

Mar 23, 2025 - 14:19
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न्यायिक प्रणाली में कम हो रहा लोगों का भरोसा- जज को लेकर बोले कपिल सिब्बल
न्यायिक प्रणाली में कम हो रहा लोगों का भरोसा- जज को लेकर बोले कपिल सिब्बल

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भारत की न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास में कमी आने को लेकर चिंता जाहिर की है. एक उन्होंने दावा किया है कि न्यायिक प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास लगातार कम हो रहा है. सिब्बल ने कहा है कि विकल्प तभी मिल सकते हैं जब सरकार और न्यायपालिका दोनों इस बात को मानें कि जजों की नियुक्ति सहित मौजूदा प्रणालियां कारगर नहीं रह गई हैं.

एक इंटरव्यू के दौरान सिब्बल ने भ्रष्टाचार, न्यायिक निष्क्रियता और न्यायाधीशों द्वारा बहुसंख्यकवादी दृष्टिकोण को अपनाने जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जिला और सत्र न्यायालयों में अधिकांश मामलों में जमानत का आवेदन खारिज कर दिया जाता है, जो सिस्टम में गहरी खामियों को दर्शाता है.

‘भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी तंत्र की कमी’

उन्होंने उच्च न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी तंत्र की कमी की भी आलोचना की. सिब्बल के अनुसार, हालांकि न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया मौजूद है, लेकिन यह अक्सर अटक जाती है, जिससे जनता के पास सही उपाय नहीं होता.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने पिछले साल इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान के मुद्दे का भी हवाला दिया.

हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के मुद्दे पर साधी चुप्पी

हालांकि इस बीच उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी मिलने के मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सिबब्ल ने कहा कि इस मामले से निपटने के लिए एक आंतरिक प्रक्रिया है. उन्होंने कहा ‘तथ्यों के अभाव में मुझे नहीं लगता कि इस देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में मुझे इस पर टिप्पणी करनी चाहिए’.

न्यायिक प्रणाली को लेकर सिब्बल ने जताई चिंता

वहीं न्यायिक प्रणाली को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से न्यायपालिका के बारे में विभिन्न पहलुओं पर चिंताएं रही हैं, एक चिंता भ्रष्टाचार के बारे में है, और भ्रष्टाचार के कई अर्थ हैं. उन्होंने कहा कि एक अर्थ यह है कि कोई न्यायाधीश किसी आर्थिक लाभ के कारण निर्णय देता है. भ्रष्टाचार का दूसरा रूप अपने पद की शपथ के विपरीत काम करना है, जो यह है कि वह बिना किसी भय या पक्षपात के निर्णय देगा’.
सांसद ने कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि व्यवस्था में कुछ गड़बड़ है.

‘न्यायाधीश अब खुलेआम बहुसंख्यकवाद का समर्थन कर रहे’

सिब्बल ने कहा कि तीसरा रूप यह है कि न्यायाधीश अब खुलेआम बहुसंख्यकवाद का समर्थन कर रहे हैं और राजनीतिक रुख अपना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक न्यायाधीश थे जो खुलेआम एक राजनीतिक पार्टी के विचारों का समर्थन कर रहे थे और फिर उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वो न्यायाधीश उस विशेष पार्टी में शामिल हो गए. सिब्बल ने कहा कि एक न्यायाधीश ऐसे भी थे जिन्होंने खुलेआम कहा कि ‘हां मैं आरएसएस से जुड़ा हूं’.

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा ‘ हमारे सामने न्यायमूर्ति शेखर (यादव) हैं जिन्होंने कहा कि भारत में बहुसंख्यक संस्कृति कायम रहनी चाहिए और केवल एक हिंदू ही भारत को विश्वगुरु बना सकता है’. सिब्बल ने कहा कि उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए काफी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,