आज अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो: रिपोर्ट

कनाडा में बढ़ते खालिस्तानी चरमपंथ के कारण कनाडाई लोगों में असुरक्षा की भावना तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो अपनी सरकार बचाने के लिए खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने से कतरा रहे हैं। ऐसे में इस्तीफा देने की मांग तेजी से उठ रही है, जिस पर अब खबर आ रही है कि […]

Jan 6, 2025 - 17:49
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आज अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो: रिपोर्ट
Justin Treudo admited he has no proof against india in nijjar case

कनाडा में बढ़ते खालिस्तानी चरमपंथ के कारण कनाडाई लोगों में असुरक्षा की भावना तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो अपनी सरकार बचाने के लिए खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने से कतरा रहे हैं। ऐसे में इस्तीफा देने की मांग तेजी से उठ रही है, जिस पर अब खबर आ रही है कि ट्रुडो किसी भी वक्त अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। माना जा रहा है कि वो सोमवार को ही इस्तीफा दे सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि ट्रडो कब अपने पद से इस्तीफा देंगे, लेकिन माना जा रहा है कि बुधवार को होने जा रही राष्ट्रीय कॉकस मीटिंग के दौरान या उससे पहले भी इस्तीफा दे सकते हैं। द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रडो तुरंत पद छोंडेंगे या फिर नए प्रधानमंत्री के चयन तक पद पर बने रहेंगे। लेकिन, इतना अवश्य है के ट्रडो के नेतृत्व में विश्वासमत की कमी के चलते यह निर्णय अपेक्षित है। पिछले दिनों ओंटारियो के 50 से अधिक लिबरल पार्टी के सांसदों ने एक बैठक की थी, जिसमें ट्रुडो को पद से हटाने पर सहमति बनी थी।

ट्रुडो के वफादार माने जाने वाले एक सांसद चंद्र आर्य का ये कहना है कि देश में नेतृत्व परिवर्तन के अलावा दूसरा कोई विकल्प अब शेष नहीं बचा है। बीते 9 साल से सत्ता का सुख भोग रही ट्रुडो सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बता दें कि 2013 में ट्रुडो ने लिबरल नेता के तौर पर देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। अब इसी साल अक्तूबर के अंत में कनाडा में चुनाव होने हैं। ऐसे में लिबरल पार्टी को इस बात का खौफ सता रहा है कि ट्रडो की गलत नीतियों और अपने देश के लोगों की उपेक्षा के चलते चुनाव में उसकी हार हो सकती है।

यही कारण है कि अब ट्रुडो के इस्तीफा देने की खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं। ट्रुडो के स्थान पर माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के तौर पर क्रिस्टिया फ्रीलैंड, विदेश मंत्री मेलानी जोली, नवाचार मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन और पूर्व केंद्रीय बैंक गवर्नर मार्क कार्नी दावेदार हो सकते हैं।

ट्रुडो ने भारत के साथ लगातार खराब किए रिश्ते

गौरतलब है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद जस्टिन ट्रुडो ने इसका आरोप भारत पर मढ़ दिया था। भारत ने सबूत मांगा तो वो भी नहीं दिखाया। बाद में खालिस्तानी आतंकियों द्वारा हिन्दू मंदिरों पर हमले किए गए, उस पर भी ट्रुडो चुप रहे। इससे उनकी साख लगातार गिरती जा रही है।

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