जैसा की लोग कहते हैं विधि का विधान कोई टाल नहीं सकता
आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी नजर से क्यों देखा था।
जैसा की लोग कहते हें विधि का विधान कोई टाल नहीं सकता
"विधि का विधान कोई टाल नहीं सकता" एक विश्वसनीय तथ्य है जो समाज में न्याय और व्यवस्था की महत्वपूर्ण स्थिति को स्पष्ट करता है। यह बात सर्वोच्चतम न्यायिक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित नियमों और विधियों की महत्वता को दर्शाती है, जिनका पालन किया जाना चाहिए। विधि और व्यवस्था का उचित पालन समाज के सभी सदस्यों के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
यह विधानिक सिद्धांत डेमोक्रेटिक समाजों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ न्यायिक प्रक्रियाओं और नियमों का पालन किया जाता है ताकि समाज के हर व्यक्ति को अपने अधिकारों की सुरक्षा और न्याय मिल सके। यह नियमों और विधियों का मानविकी और सामाजिक समझौता निर्धारित करता है, जो एक समान और न्यायसंगत समाज के लिए आवश्यक है।
भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी। चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।
उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की द्रष्टि से देखा। गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने साथ यमलोक ले जाएँगे।
गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया और खुद बापिस कैलाश पर आ गया।
आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था कि वो इतनी जल्दी इतनी दूर कैसे जाएगी??,पर अब जब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी होगी।"
गरुड़ समझ गये "मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी भी चतुराई की जाए।"
इस लिए कृष्ण कहते है।
करता तू वह है ..... जो तू चाहता है
परन्तु होता वह है .....जो में चाहता हूँ
कर तू वह .....जो में चाहता हूँ
फिर होगा वो .....जो तू चाहेगा।।
जीवन के 6 सत्य:-
1. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
● क्योंकि..लँगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं..
2. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
● क्योंकि...श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते....
3. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने भी लम्बे क्यों न हों ?
● क्योंकि ....आने वाले कल को आप नहीं देख सकते....
4. कोई फर्क नहीं पड़ता कि , आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है ?
● क्योंकि...अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है...
5 . कोई फर्क नहीं पड़ता कि " आप " नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
● क्यूंकि ..." आप " पर हंसने के लिए दुनिया खड़ी है ?
6. कोई फर्क नहीं पड़ता कि ,आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
● क्योंकि...घर के बाथरूम तक आपको चल के ही जाना पड़ेगा...
इसलिए संभल के चलिए ... ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसते काटिये !
जय श्रीकृष्णा
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