"शिक्षा के महान पथिक बत्रा जी को श्रद्धांजलि: जीवन भर समर्पण और संघर्ष का प्रतीक"

Nov 12, 2024 - 21:02
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नई दिल्ली में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने आदरणीय बत्रा जी के जीवन की विशेषताओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि बत्रा जी का सम्पूर्ण जीवन शिक्षा से जुड़ा हुआ था और उन्होंने कभी स्वयं के लिए कुछ नहीं माँगा। 85 वर्ष की आयु तक उन्होंने कोर्ट में जाकर केस लड़ा, जो उनके संघर्षशील और निर्भीक व्यक्तित्व को दर्शाता है। डॉ. कोठारी ने बताया कि बत्रा जी की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था। वह अंग्रेजी बोल सकते थे, लेकिन मातृभाषा के प्रति अपने समर्पण के कारण उन्होंने अंग्रेजी में भाषण देना छोड़ दिया था। उनके जीवन का मंत्र "अपनी लकीर लंबी करो" था, जो डॉ. कोठारी के लिए मार्गदर्शक बना।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने बत्रा जी के व्यक्तित्व को समुद्र में तैरते हुए बर्फ के शिलाखंड से तुलना की। उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तित्व और कार्य बहुत बड़ा था, जो शब्दों से कहीं अधिक था। बत्रा जी के जीवन को समझने के लिए उनके आचरण को देखना जरूरी था।

बत्रा जी के सुपुत्र डॉ. दिनेश बत्रा ने बताया कि पिताजी ने विभाजन के समय पाकिस्तान जाकर लोगों को भारत लाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली। उनके जीवन में अनुशासन और समर्पण हर पल दिखता था। वह विद्यालय के कार्यक्रमों में भी बिना अतिथि के समय पर आते थे और विद्यालय को अपने परिवार के समान मानते थे।

डॉ. हर्षवर्धन ने बत्रा जी को भारत का सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद् बताया और कहा कि शिक्षा के माध्यम से देशभक्ति और संस्कार का मार्गदर्शन देने में बत्रा जी का योगदान अतुलनीय था। डॉ. रवि शंकर प्रसाद ने उनके संघर्ष और इच्छाशक्ति की सराहना की, जो शिक्षा के लिए उनके समर्पण को स्पष्ट करता था।

न्यास के पर्यावरण शिक्षा के राष्ट्रीय संयोजक संजय स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डॉ. मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबाले के शोक संदेशों का वाचन किया। बत्रा जी की पुत्रवधू वंदना बत्रा ने उनके व्यक्तित्व पर लिखी कविता का पाठ किया, जो सभा में उपस्थित लोगों के लिए भावनात्मक क्षण था।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,