5 जुलाई का इतिहास: एक दिन, कई घटनाएँ – अंतरराष्ट्रीय राजनीति, खेल और कूटनीति के पन्नों से

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Jul 4, 2025 - 17:39
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5 जुलाई का इतिहास: एक दिन, कई घटनाएँ – अंतरराष्ट्रीय राजनीति, खेल और कूटनीति के पन्नों से

5 जुलाई का इतिहास: एक दिन, कई घटनाएँ – अंतरराष्ट्रीय राजनीति, खेल और कूटनीति के पन्नों से
लेखक: Dheeraj Kashyap

5 जुलाई का दिन विश्व इतिहास में अनेक महत्त्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। राजनीति से लेकर खेल और वैश्विक कूटनीति तक, इस तारीख को कई बड़े फैसले और परिवर्तन हुए, जिनका प्रभाव आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय समीकरणों पर भी पड़ा। आइए नजर डालते हैं 5 जुलाई की उन प्रमुख घटनाओं पर जिन्होंने इतिहास में अपनी छाप छोड़ी—


1977 - पाकिस्तान में सैनिक क्रांति और जनरल ज़िया-उल-हक का सत्ता पर कब्ज़ा

5 जुलाई 1977 को पाकिस्तान में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिला। तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को एक सैन्य तख्तापलट में हटाकर गिरफ्तार कर लिया गया। यह तख्तापलट पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल मोहम्मद ज़िया-उल-हक के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने सत्ता संभालते ही लोकतांत्रिक शासन को समाप्त कर दिया और मार्शल लॉ लागू कर दिया। यह घटना पाकिस्तान के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है, जिसने देश को एक लंबी सैन्य तानाशाही के दौर में धकेल दिया।


1994 - फिलिस्तीनी स्वशासन की शुरुआत

5 जुलाई 1994 को एक ऐतिहासिक मोड़ तब आया जब इस्राइल द्वारा अधिकृत जेरिको क्षेत्र में पहली बार फिलिस्तीनी स्वशासन की औपचारिक शुरुआत हुई। यह पहल ऑस्लो समझौते के अंतर्गत हुई थी, जो फिलिस्तीन और इस्राइल के बीच एक शांति समझौता था। यासिर अराफात के नेतृत्व में फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सीमित प्रशासनिक अधिकार दिए गए, जिसने मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया में एक नई उम्मीद जगाई।


1998 - पीट सम्प्रास ने जीता पांचवां विम्बलडन एकल खिताब

अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी पीट सम्प्रास ने 5 जुलाई 1998 को इतिहास रचते हुए पांचवीं बार विम्बलडन का पुरुष एकल खिताब अपने नाम किया। सम्प्रास अपने समय के सबसे सफल टेनिस खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और उन्होंने ग्रास कोर्ट पर अपनी अद्वितीय तकनीक और आक्रामक खेल से यह मुकाम हासिल किया। उनका यह खिताब उनके करियर की महान उपलब्धियों में से एक माना जाता है।


1999 - अमेरिका ने तालिबान पर प्रतिबंधों की घोषणा की

5 जुलाई 1999 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने तालिबान शासन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। उस समय अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता थी और अमेरिका ने आरोप लगाया था कि तालिबान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण दे रहा है, विशेष रूप से ओसामा बिन लादेन को। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य अफगानिस्तान में चरमपंथ को रोकना और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाना था।


2000 - शंघाई-5 सम्मेलन की शुरुआत

5 जुलाई 2000 को कज़ाख़िस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई-5 देशों का सम्मेलन प्रारंभ हुआ। इसमें चीन, रूस, कज़ाख़िस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल थे। इस सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग, सीमा विवादों का समाधान और सुरक्षा पर आपसी सहमति बनाना था। आगे चलकर यही समूह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में तब्दील हुआ, जो आज एशिया की एक प्रभावशाली क्षेत्रीय संस्था है।


2001 - बुल्गारिया के प्रधानमंत्री का इस्तीफ़ा

5 जुलाई 2001 को बुल्गारिया में हुए आम चुनावों में हार के बाद प्रधानमंत्री इवान कोस्तोव ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और आर्थिक नीतियों की आलोचना हुई, जिसके चलते जनता ने विपक्ष को चुना। यह घटना यूरोप में राजनीतिक अस्थिरता और लोकतंत्र के उतार-चढ़ाव का प्रतीक बनी।


2002 - काठमांडू में बम विस्फोट

5 जुलाई 2002 को नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित नेपाली कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में एक बम धमाका हुआ, जिसमें 10 लोग घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब नेपाल राजनीतिक अशांति और माओवादी विद्रोह की चपेट में था। बम धमाके ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए और राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया।


2004 - ग्रीस ने यूरो कप 2004 जीता

यूरोपियन फुटबॉल इतिहास में 5 जुलाई 2004 को ग्रीस ने यूरो कप 2004 जीतकर सभी को चौंका दिया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने पुर्तगाल को हराकर खिताब अपने नाम किया। ग्रीस की यह जीत एक असाधारण उपलब्धि थी क्योंकि टूर्नामेंट की शुरुआत में उन्हें किसी ने भी खिताब का दावेदार नहीं माना था। इस ऐतिहासिक विजय ने ग्रीस को फुटबॉल की दुनिया में एक नई पहचान दिलाई।


2007 - मैक्सिको में भूस्खलन और ईरान की पहल

5 जुलाई 2007 को मैक्सिको के ट्यूबला प्रांत में भीषण भूस्खलन हुआ जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण यह आपदा आई, जिसने सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा ने आपात प्रबंधन प्रणाली की तैयारी पर भी सवाल खड़े किए।

इसी दिन ईरान ने अपने विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक रुख अपनाते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अधिकारियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। यह कदम उस समय महत्वपूर्ण माना गया क्योंकि दुनिया भर में ईरान के परमाणु इरादों को लेकर चिंता बनी हुई थी।


2008 - नेपाल की अंतरिम कैबिनेट द्वारा संविधान संशोधन का प्रस्ताव

5 जुलाई 2008 को नेपाल की अंतरिम कैबिनेट ने देश के संविधान में संशोधन के लिए एक विधेयक लाने का प्रस्ताव पारित किया। यह कदम देश को राजशाही से लोकतंत्र की ओर ले जाने की प्रक्रिया का हिस्सा था। संविधान संशोधन के माध्यम से सरकार ने संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के ढांचे को मजबूत करने की दिशा में पहल की।


5 जुलाई का दिन विभिन्न देशों और क्षेत्रों में अलग-अलग बदलावों और घटनाओं का गवाह रहा है। चाहे वह राजनीतिक क्रांति हो, खेल की ऐतिहासिक जीत हो या फिर वैश्विक कूटनीतिक कदम — हर घटना अपने आप में महत्त्वपूर्ण है। ये घटनाएँ न केवल अपने समय की स्थितियों को दर्शाती हैं, बल्कि भविष्य की दिशा और दशा तय करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

5 जुलाई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति: जिनका योगदान भारत के इतिहास, खेल, राजनीति और साहित्य में अमूल्य है
लेखक: Dheeraj Kashyap

इतिहास केवल घटनाओं से नहीं, बल्कि उन व्यक्तित्वों से भी बनता है जिन्होंने समाज, देश और दुनिया में अपने कार्यों से अमिट छाप छोड़ी। 5 जुलाई का दिन न सिर्फ ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा है, बल्कि इस दिन कई ऐसी महान हस्तियों का जन्म भी हुआ जिन्होंने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपना अमूल्य योगदान दिया। आइए जानते हैं उन महान विभूतियों के बारे में, जिनका जन्म 5 जुलाई को हुआ था—


पी. वी. सिंधु (जन्म: 1995)

भारत की एक अत्यंत प्रतिभाशाली और विश्व स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी, पी. वी. सिंधु ने भारत को कई बार अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर गौरवान्वित किया है।

  • ओलंपिक में भारत के लिए दो पदक जीतने वाली पहली महिला एथलीट हैं।

  • उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में रजत और 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता।

  • उन्हें पद्म भूषण, राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार जैसे सम्मानों से नवाजा गया है।

  • उनकी मेहनत, संयम और लगन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।


राकेश झुनझुनवाला (जन्म: 1960 - निधन: 2022)

भारत के मशहूर निवेशक, शेयर बाजार विशेषज्ञ और व्यापारी, जिन्हें ‘भारत का वॉरेन बफेट’ भी कहा जाता था।

  • टाटा ग्रुप समेत कई भारतीय कंपनियों में उनके निवेश रहे।

  • उन्होंने Akasa Air नामक एक कम लागत वाली एयरलाइन की शुरुआत भी की थी।

  • उन्होंने निवेश की दुनिया को आम भारतीयों के लिए सरल और प्रेरणादायक बनाया।

  • उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि दूरदर्शिता और धैर्य से सफलता प्राप्त की जा सकती है।


लालजी सिंह (जन्म: 1947 - निधन: 2013)

भारत के जाने-माने जीव विज्ञानी और डीएनए तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी।

  • उन्हें भारत में डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक का जनक कहा जाता है।

  • वे हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति और CCMB (Centre for Cellular and Molecular Biology) के निदेशक भी रहे।

  • उनके शोधों ने अपराधों की जांच से लेकर पारिवारिक पहचान तक में विज्ञान को उपयोगी बनाया।

  • विज्ञान और समाज के बीच पुल बनाने वाले एक सच्चे वैज्ञानिक थे।


✍️ असग़र वजाहत (जन्म: 1946)

हिंदी-उर्दू के सुप्रसिद्ध प्राध्यापक, नाटककार, कहानीकार और उपन्यासकार

  • उनका सबसे प्रसिद्ध नाटक है "जिन लाहौर नहीं देखा वो जन्मा ही नहीं"

  • उनके साहित्य में भारत की गंगा-जमुनी तहजीब, मानवीय रिश्ते और सामाजिक सवालों की झलक मिलती है।

  • वे कई विश्वविद्यालयों में अध्यापन कर चुके हैं और हिंदी साहित्य के समकालीन आलोचकों में एक अहम नाम हैं।


रामविलास पासवान (जन्म: 1946 - निधन: 2020)

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और भारत के दलित राजनीति के प्रमुख चेहरा रहे।

  • उन्होंने लगभग सभी प्रधानमंत्रियों के साथ कार्य किया और कई बार केंद्रीय मंत्री रहे।

  • दलित समाज के सशक्तिकरण और अधिकारों की आवाज उठाने में उनका योगदान अमूल्य रहा।

  • सामाजिक न्याय की राजनीति में उनकी गिनती शीर्ष नेताओं में होती थी।


ज्योति खरे (जन्म: 1956)

समकालीन कवि और लेखक के रूप में ख्याति प्राप्त की।

  • उनकी रचनाएँ सामाजिक यथार्थ, मानवीय संवेदनाओं और वर्तमान राजनीतिक संदर्भों को दर्शाती हैं।

  • वे विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं में सक्रिय रूप से लिखते रहे हैं और मंचीय काव्यपाठ के लिए भी जाने जाते हैं।


शरद पगारे (जन्म: 1931)

हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक।

  • उनके उपन्यास, कहानियाँ और आलेख भारत की सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाते हैं।

  • वे शिक्षण और लेखन दोनों क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं और अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित हैं।


‍♂️ सचिन नाग (जन्म: 1920 - निधन: 1987)

भारत के महान तैराक और ओलंपिक एथलीट

  • वे 1948 के लंदन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले तैराकों में से एक थे।

  • उन्होंने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक भी जीता और भारतीय तैराकी को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया।


के. करुणाकरन (जन्म: 1918 - निधन: 2010)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और केरल के चार बार मुख्यमंत्री रहे।

  • वे केरल की राजनीति में कई दशकों तक प्रभावी रहे और प्रशासनिक कुशलता के लिए पहचाने जाते थे।

  • उन्होंने राज्य में औद्योगिक और सामाजिक विकास की दिशा में कई पहल कीं।


बी. एन. सरकार (जन्म: 1901 - निधन: 1980)

प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता और New Theatres, Kolkata के संस्थापक।

  • उन्होंने बंगाल की फिल्मों में साउंड तकनीक और पटकथा लेखन में क्रांति ला दी।

  • उनकी कंपनी ने पंकज मलिक, के. एल. सहगल, देविका रानी जैसे कलाकारों को मंच दिया।

  • भारतीय सिनेमा के शुरुआती दौर को पहचान देने वाले निर्माता के रूप में उनका स्थान अद्वितीय है।


5 जुलाई को जन्म लेने वाले ये सभी महान व्यक्तित्व अपने-अपने क्षेत्रों में न केवल विशिष्ट स्थान रखते हैं, बल्कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं। इनकी जीवनी इस बात का प्रमाण है कि साधारण पृष्ठभूमियों से आने वाले लोग भी अपने प्रयासों और संकल्प से असाधारण ऊंचाइयों तक पहुँच सकते हैं।

5 जुलाई: पुण्यतिथि, महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – इतिहास और स्मृति का संगम
लेखक: Dheeraj Kashyap

इतिहास की तारीखें केवल घटनाओं या जन्मदिनों से ही नहीं बनतीं, बल्कि उन महान आत्माओं की पुण्यतिथि से भी जुड़ी होती हैं जिन्होंने अपने जीवन से समाज को दिशा दी। 5 जुलाई का दिन कुछ ऐसी ही विभूतियों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जिन्होंने साहित्य, स्वतंत्रता संग्राम, कला और राजनीति में अद्वितीय योगदान दिया। साथ ही, इस दिन से जुड़े कुछ विशेष अवसर और उत्सव भी हैं जिन्हें जानना जरूरी है।


5 जुलाई को हुए निधन – स्मरण के योग्य महान हस्तियाँ

तोरु दत्त (मृत्यु: 1877)

  • तोरु दत्त भारत की उन पहली महिला कवियों में से थीं, जिन्होंने अंग्रेज़ी और फ्रेंच भाषा में साहित्य रचा

  • उनका जीवन केवल 21 वर्ष का रहा, लेकिन इस छोटी सी उम्र में उन्होंने जो साहित्यिक योगदान दिया, वह आज भी अमर है।

  • उनकी प्रसिद्ध कृति "Ancient Ballads and Legends of Hindustan" आज भी पढ़ी जाती है।

  • वे भारतीय साहित्य में पहली अंतरराष्ट्रीय महिला आवाज़ के रूप में याद की जाती हैं।

अनुग्रह नारायण सिन्हा (मृत्यु: 1957)

  • वे बिहार के प्रथम उपमुख्यमंत्री और आर्थिक योजनाओं के वास्तुकार माने जाते हैं।

  • स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका अत्यंत सक्रिय रही और वे महात्मा गांधी के सहयोगियों में शामिल थे।

  • शिक्षा, सिंचाई, और भूमि सुधार में उनके प्रयासों के कारण उन्हें आधुनिक बिहार का निर्माता भी कहा जाता है।

  • उनका जीवन सेवा, संघर्ष और विकास की प्रेरणा देता है।

मैक्स क्लिंगर (मृत्यु: 1920)

  • जर्मनी के सुप्रसिद्ध चित्रकार, शिल्पकार और प्रिंटमेकर।

  • उन्होंने प्रतीकात्मक कला (Symbolism) को नई ऊँचाई दी और उनके ग्राफिक कार्यों ने यूरोपीय कला पर गहरा प्रभाव डाला।

  • उनकी रचनाएँ आज भी जर्मन और यूरोपीय कला प्रेमियों के बीच सम्मानित हैं।


5 जुलाई के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

राष्ट्रीय वन महोत्सव (वन महोत्सव सप्ताह - 1 से 7 जुलाई)

  • 5 जुलाई उस सप्ताह का हिस्सा है जब भारत में वन महोत्सव सप्ताह मनाया जाता है।

  • इस सप्ताह का उद्देश्य है:

    • वृक्षारोपण को बढ़ावा देना,

    • पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना,

    • हरित आवरण को बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित करना।

  • स्कूलों, संस्थाओं, सरकारी कार्यालयों और गांवों में इस दौरान वृक्षारोपण कार्यक्रम, रैली, और पर्यावरण संबंधी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।

  • यह अभियान 1950 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री के.एम. मुंशी द्वारा शुरू किया गया था।


अन्य समसामयिक अवसर और वैश्विक परिप्रेक्ष्य

हालांकि 5 जुलाई को कोई विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय दिवस नहीं है, लेकिन यह दिन विश्व पर्यावरण आंदोलन, जलवायु परिवर्तन और हरियाली को बढ़ावा देने के प्रयासों के संदर्भ में महत्वपूर्ण बन जाता है।


5 जुलाई न केवल ऐतिहासिक घटनाओं और प्रसिद्ध जन्मदिवसों का दिन है, बल्कि यह उन महान आत्माओं को स्मरण करने का भी दिन है जिन्होंने साहित्य, कला और स्वतंत्रता संग्राम में अविस्मरणीय योगदान दिया। साथ ही, यह दिन हमें प्रकृति के संरक्षण और हरियाली बढ़ाने की ओर प्रेरित करता है।

वृक्ष लगाएँ, इतिहास जानें और उन हस्तियों को याद करें जिनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है।

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