एप्पल का अलर्ट, हैकर्स के टारगेट पर नेताओं के फोन
भारत समेत करीब 60 देशों में इस साल चुनाव होने जा रहे, भारत समेत दुनिया के 91 देश के यूजर्स - किसी भी वक्त पेगासस जैसे स्पाइवेयर के शिकार हो सकते हैं।
![एप्पल का अलर्ट, हैकर्स के टारगेट पर नेताओं के फोन](https://bharatiya.news/uploads/images/202404/image_870x_6618a91ce1408.jpg)
एप्पल का अलर्ट, हैकर्स के टारगेट पर नेताओं के फोन
• यह सूचना ऐसे समय आई है जब भारत समेत करीब 60 देशों में इस साल चुनाव होने जा रहे
- एप्पल ने कहा है कि भारत समेत दुनिया के 91 देश के यूजर्स - किसी भी वक्त पेगासस जैसे स्पाइवेयर के शिकार हो सकते हैं।
- स्पाइवेयर हमलों की जद में आने वाले लोगों में पत्रकार, कार्यकर्ता, राजनेता और राजनयिक शामिल हैं। यह सूचना ऐसे समय आई है जब भारत समेत करीब 60 देशों में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं। इसी तरह का अलर्ट एप्पल ने पिछले साल अक्तूबर में विपक्ष के - कई नेताओं को भेजा था जिसके बाद काफी विवाद भी हुआ था। इससे पहले आईफोन पर हुए पेगासस अटैक को लेकर साल 2021 में सुप्रीम कोट ने एक कमिटी बनाने का आदेश दिया था जिसके पास इस अटैक के जांच की जिम्मेदारी थी।
बता दें कि पेगासस स्पाइवेयर को इस्रायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप ने तैयार किया है। पेगासस की मदद से किसी भी फोन को हैक किया जा सकता है और यूजर को इस हैकिंग के बारे में भनक तक नहीं लगेगी। एप्पल ने कहा कि भाड़े के स्पाइवेयर हमलों की कीमत लाखों डॉलर होती है। इसके अलावा हमले की अवधि कम होने से उनका पता लगा पाना और उन्हें रोक पाना खासा मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अधिकांश उपयोगकर्ताओं पर ऐसे हमले कभी भी नहीं किए जाते हैं।
कंपनी ने कहा, नागरिक समाज संगठनों, प्रौद्योगिकी फर्मों और पत्रकारों से मिली सूचनाओं और शोध से पता चलता है कि इसपर आने वाली ऊंची लागत और जटिलता को देखते हुए ये हमले ऐतिहासिक रूप से सरकारी पक्षों से जुड़े रहे हैं। अगस्त 2022 में इस कमिटी ने कहा था कि 29 मोबाइल फोन की जांच की गई
जिसमें पेगासस स्पाइवेयर के होने का कोई सबूत नहीं मिला। उस दौरान भारत के कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन को पेगासस के जरिए मॉनिटर करने का दावा किया गया था। इस घटना के बाद से एप्पल अपने यूजर्स को संभावित हैकिंग को लेकर पहले ही अलर्ट भेज देता है।
इनमें सरकारी की तरफ से भाड़े के स्पाइवेयर विकसित करने वाली निजी कंपनियां भी शामिल हैं जिनमें एनएसओ ग्रुप का स्पाइवेयर पेगासस भी है। इसे लें गंभीरता से कंपनी ने कहा किएप्पल ऐसे हमलों का पता लगाने के लिए पूरी तरह से आंतरिक खतरे-खुफिया जानकारी और जांच पर निर्भर करती है। हालांकि, हमारी जांच कभी भी पूरी तरह निश्चित नहीं हो सकती है लेकिन खतरे की ये सूचनाएं अत्यधिक भरोसे वाले अलर्ट है। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
What's Your Reaction?
![like](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/dislike.png)
![wow](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/wow.png)
![sad](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/sad.png)