संभल विवाद के बाद आज कोर्ट में पेश होगी जामा मस्जिद सर्वे रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कथित जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट आज (29 नवंबर, 2024) सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल चंदोसी की कोर्ट में पेश की जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। संभल में मुस्लिम कट्टरपंथियों की हिंसा के बाज आज पहला जुम्मा भी है, जिस […]

Nov 29, 2024 - 06:42
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संभल विवाद के बाद आज कोर्ट में पेश होगी जामा मस्जिद सर्वे रिपोर्ट
Sambhal Violence

उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कथित जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट आज (29 नवंबर, 2024) सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल चंदोसी की कोर्ट में पेश की जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। संभल में मुस्लिम कट्टरपंथियों की हिंसा के बाज आज पहला जुम्मा भी है, जिस दिन कथित मस्जिद के अंदर मुस्लिम समुदाय नमाज अदा करता है। इसलिए आज एक बार फिर से लोग वहां पर जमा होने जा रहे हैं।

इस बीच उपद्रव भड़कने की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है। मुरादाबाद मंडल के उपायुक्त आंजनेय कुमार ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है। शांति समितियों और मस्जिद के मौलवियों से भी सहयोग करने को लेकर बात की गई है। 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल स्थित चंदौसी की अदालत में संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने को लेकर कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध दावा दायर किया था।

इसे भी पढ़ें: संभल जामा मस्जिद विवाद: सपा सांसद ने पथराव को ठहराया जायज

इसके बाद कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करके सर्वे (कमीशन) किए जाने के आदेश दिया था। बाद में 24 अगस्त को सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया था। पुलिस प्रशासन की सख्ती के आगे प्रदर्शनकारियों की एक नहीं चली। सर्वे पूरा कर लिया गया था। विष्णु शंकर जैन ने संभल की कथित मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कहा कि 1526 में मुगल आक्रान्ता बाबर ने मंदिर को तोड़कर उसके स्थान पर मस्जिद को बनाने की कोशिश की थी। ये भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है, जिस पर किसी का कोई अतिक्रमण नहीं हो सकता है।

मुस्लिम हिंसा भड़काने में सपा सांसद का भी नाम आया था सामने

संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामगोपाल यादव का बयान भी चर्चा का विषय बना। उन्होंने उपद्रवियों की पत्थरबाजी को जायज ठहराते हुए कहा कि अगर पुलिस इस तरह की कार्रवाई करेगी, तो पथराव होना स्वाभाविक है। रामगोपाल यादव का यह बयान, हिंसा को बढ़ावा देने वाला और विवादित माना जा रहा है।

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