केरल में वक्फ बोर्ड और चर्च आमने-सामने : 1000 गिरजाघरों का आंदोलन, जानिए वजह

देश में वक्फ बोर्ड जहां आम लोगों की संपत्ति पर दावा ठोंक दे रहा है, वहीं केरल में  चर्च ने एक नए मोर्चे पर कदम रखा है। करीब एक हजार चर्चों ने वक्फ बोर्ड की कथित मनमानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है, जोकि एक महत्वपूर्ण पहलू बनकर सामने आया है। मुनंबम और चेराई गांवों […]

Nov 11, 2024 - 14:26
Nov 11, 2024 - 18:40
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केरल में वक्फ बोर्ड और चर्च आमने-सामने : 1000 गिरजाघरों का आंदोलन, जानिए वजह

देश में वक्फ बोर्ड जहां आम लोगों की संपत्ति पर दावा ठोंक दे रहा है, वहीं केरल में  चर्च ने एक नए मोर्चे पर कदम रखा है। करीब एक हजार चर्चों ने वक्फ बोर्ड की कथित मनमानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है, जोकि एक महत्वपूर्ण पहलू बनकर सामने आया है।

मुनंबम और चेराई गांवों में भूमि विवाद

केरल के कोच्चि जिले के मुनंबम और चेराई गांवों में एक गंभीर भूमि विवाद ने चर्च और वक्फ बोर्ड के बीच टकराव को बढ़ा दिया है। स्थानीय ईसाई परिवारों का कहना है कि वक्फ बोर्ड ने उनकी संपत्तियों पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की है। ये संपत्तियां उनके नाम पर पंजीकृत हैं और लंबे समय से उस पर कर चुकाए जा रहे हैं फिर भी वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह भूमि उनके अधीन आती है।

चर्च के अनुसार, यह विवाद केवल कानूनी नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। सिरो-मालाबार चर्च के प्रमुख मेजर आर्कबिशप राफेल थाटिल ने इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है और इसे लोकतांत्रिक तरीके से हल करने की मांग की है।

विरोध प्रदर्शन

मुनंबम और चेराई के स्थानीय लोगों ने वक्फ बोर्ड के दावे का विरोध करते हुए भूख हड़ताल की है और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। सिरो-मालाबार चर्च ने इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की और इसे एक व्यापक सामूहिक आंदोलन में तब्दील किया। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल चर्चों का कहना है कि यह मामला केवल भूमि का नहीं बल्कि उनके अधिकारों और संस्कृति का भी है।

वक्फ बोर्ड जो इस्लामिक संपत्तियों का प्रबंधन करता है पर आरोप है कि उसे अत्यधिक शक्तियाँ दी गई हैं, जिससे वह किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है, चाहे वह संपत्ति किसी अन्य धर्म के लोगों की हो। यह वक्फ अधिनियम का संशोधन विधेयक, जो केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित किया गया है, इस विवाद को और बढ़ा सकता है। सरकार का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के अधिकारों को नियंत्रित करना और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना है।

क्या है वक्फ बोर्ड?

वक्फ एक इस्लामिक व्यवस्था है, जिसमें मुसलमान अपने धन या संपत्ति को दान करते हैं। वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है, जिसे इस्लामी कानून के तहत विशेष अधिकार दिए गए हैं। वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों के दावे के कारण विवाद उत्पन्न हो रहे हैं, जैसे कि वर्तमान मामला जिसमें ईसाई समुदाय के लोग आरोप लगा रहे हैं कि उनकी भूमि पर वक्फ बोर्ड का अवैध कब्जा हो रहा है।

वक्फ और हज तीर्थयात्रा मंत्री वी. अब्दुर्रहीमान ने इस मुद्दे पर आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस मामले में कोई भी व्यक्ति बेदखल नहीं होने देगी और यह विवाद सांप्रदायिक नहीं है। हालांकि चर्च समुदाय के लोग अब भी इस मुद्दे पर अपने विरोध प्रदर्शन को तेज कर रहे हैं।

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