RSS महाप्रहार दंड दिवस: भारत की विजय और राष्ट्रीय एकता का सम्मान

16 दिसंबर को मनाए जाने वाले RSS के महाप्रहार दंड दिवस के महत्व को जानें, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की सैन्य विजय और बांगलादेश के निर्माण को समर्पित है। यह दिन वीरता, बलिदान और राष्ट्रीय एकता को सम्मानित करने का अवसर है। RSS, महाप्रहार दंड दिवस, 16 दिसंबर, 1971 भारत-पाक युद्ध, बांगलादेश मुक्ति, राष्ट्रीय एकता, भारतीय सेना, RSS और राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य विजय, भारतीय इतिहास, RSS दिवस, राष्ट्रीय आत्मरक्षा

Dec 15, 2024 - 12:04
Dec 15, 2024 - 12:07
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RSS महाप्रहार दंड दिवस: भारत की विजय और राष्ट्रीय एकता का सम्मान
RSS महाप्रहार दंड दिवस: भारत की विजय और राष्ट्रीय एकता का सम्मान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का इतिहास भारतीय समाज और संस्कृति के प्रति समर्पण से भरा हुआ है। संघ का उद्देश्य समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, संघ देश की सुरक्षा, संस्कृति और धरोहर की रक्षा में हमेशा अग्रणी रहा है। 16 दिसंबर को संघ द्वारा मनाया जाने वाला महा प्रहार दंड दिवस विशेष रूप से उस समय को याद करने का अवसर है, जब भारत ने देश के दुश्मनों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया था और उसकी वीरता और संघर्ष को सम्मानित किया गया।


महा प्रहार दंड दिवस का महत्व

16 दिसंबर को महा प्रहार दंड दिवस के रूप में मनाने का मुख्य कारण 1971 में हुआ भारत-पाकिस्तान युद्ध है। इस दिन भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिसे पूर्वी पाकिस्तान के स्वतंत्रता संग्राम के रूप में जाना जाता है, और इसी के परिणामस्वरूप बांगलादेश का गठन हुआ था।

इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक जीत प्राप्त की, जो कि भारतीय सामरिक शक्ति का प्रतीक बन गई। यह दिन भारतीय वीरता, सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करने का अवसर प्रदान करता है। 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने अपनी असाधारण रणनीति, समर्पण और साहस का परिचय दिया था, और बांगलादेश को पाकिस्तान से मुक्त किया था।


RSS और महा प्रहार दंड दिवस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हमेशा से यह मानना रहा है कि देश की सुरक्षा के लिए हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। संघ का यह उद्देश्य केवल समाज की एकता और सांस्कृतिक समृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के साथ भी मजबूती से खड़ा है। संघ के स्वयंसेवक हमेशा देश की सुरक्षा, संविधान और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए प्रेरित रहे हैं।

महा प्रहार दंड दिवस के अवसर पर RSS अपने कार्यकर्ताओं को यह याद दिलाता है कि देश की सुरक्षा केवल सैन्य बलों का ही काम नहीं है, बल्कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है। संघ के कार्यक्रमों में इस दिन को राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और वीरता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना की वीरता, बलिदान और देशभक्ति के उदाहरण के रूप में युवाओं को प्रेरित करता है।


संघ का योगदान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह मानना है कि सेना केवल युद्ध के मैदान में नहीं बल्कि समाज में भी अपनी जिम्मेदारियां निभाती है। संघ के स्वयंसेवक समाज के हर हिस्से में काम करते हुए समाज में सुरक्षा, एकता और विकास के संदेश को फैलाने का कार्य करते हैं। महा प्रहार दंड दिवस इस बात का प्रतीक है कि एकता और बलिदान की भावना ही समाज को मजबूत बनाती है और हर संकट का मुकाबला किया जा सकता है।


16 दिसंबर का महा प्रहार दंड दिवस भारत के इतिहास में एक अहम दिन के रूप में दर्ज है, जो न केवल एक सैन्य विजय का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान भी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस दिन को मनाकर देशवासियों को यह याद दिलाता है कि एकता, बलिदान और देशभक्ति के मूल्य हमारे समाज की नींव हैं। यह दिन हमें अपनी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहने की प्रेरणा देता है और संघ के कार्यकर्ताओं को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।

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