पहलगाम आतंकी हमले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीखी प्रतिक्रिया, सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग

RSS sharp reaction on Pahalgam terrorist attack, demands strict action from the government, पहलगाम आतंकी हमले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीखी प्रतिक्रिया, सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग

Apr 23, 2025 - 07:21
Apr 23, 2025 - 07:35
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पहलगाम आतंकी हमले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीखी प्रतिक्रिया, सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग

पहलगाम आतंकी हमले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीखी प्रतिक्रिया, सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। इस नृशंस हमले में कई निर्दोष पर्यटकों की जान गई और अनेक घायल हुए हैं। इस कायराना हरकत की देशभर में कड़ी निंदा की जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने इस हमले को "देश की एकता और अखंडता पर हमला" करार देते हुए इसे अत्यंत निंदनीय एवं संतापजनक बताया है।

होसबाले ने घटना में मृत सभी लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का हमला न केवल निर्दोष नागरिकों की हत्या है, बल्कि यह राष्ट्र की शांति और संप्रभुता को चुनौती देने का दुस्साहस भी है।

सरकार्यवाह ने अपने वक्तव्य में सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संस्थाओं से आग्रह किया कि वे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निंदा में मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाएं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह पीड़ितों और उनके परिवारों की हरसंभव सहायता सुनिश्चित करे और हमले के पीछे जिम्मेदार आतंकियों तथा उनके मददगारों को शीघ्र दंडित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।

इस हमले के बाद केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है। सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है और पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

गौरतलब है कि पहलगाम जैसे शांतिपूर्ण पर्यटन स्थलों पर इस प्रकार की घटनाएं न केवल लोगों में भय उत्पन्न करती हैं, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी गहरा आघात पहुँचाती हैं। संघ ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश को एकजुट रहना होगा।

क्या हुआ था पहलगाम  में पूरी जानकारी 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह हमला पिछले एक दशक में पर्यटकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है।

हमले का विवरण

हमला दोपहर लगभग 2:50 बजे बेसरान घाटी में हुआ, जो पहलगाम के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। चार से छह आतंकवादी, जो सेना की वर्दी में थे, जंगल से निकलकर पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पहले खुद को पुलिसकर्मी बताया और फिर अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दीं। उन्होंने विशेष रूप से पुरुषों को निशाना बनाया और महिलाओं को छोड़ दिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि हमले की योजना पहले से बनाई गई थी।

हताहत और पीड़ित

इस हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। मृतकों में 24 भारतीय पर्यटक, दो स्थानीय निवासी और नेपाल तथा संयुक्त अरब अमीरात के दो विदेशी नागरिक शामिल हैं। घायलों में गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के लोग शामिल हैं। मृतकों में एक 26 वर्षीय भारतीय नौसेना अधिकारी और एक खुफिया ब्यूरो के अधिकारी भी शामिल हैं।

जिम्मेदारी और मकसद

इस हमले की जिम्मेदारी "द रेसिस्टेंस फ्रंट" (TRF) नामक आतंकवादी संगठन ने ली है, जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी समूह है। उन्होंने दावा किया कि यह हमला कश्मीर घाटी में 85,000 से अधिक बाहरी लोगों के बसने के खिलाफ किया गया था, जिसे वे जनसांख्यिकीय परिवर्तन के रूप में देखते हैं।

सरकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने भी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की निंदा की गई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को "निर्मम अपराध" करार दिया और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।

सुरक्षा उपाय और जांच

हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और पहलगाम के कुछ हिस्सों में अस्थायी लॉकडाउन लागू किया गया है। घायलों को श्रीनगर के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और कुछ को हेलीकॉप्टर से वहां पहुंचाया गया है। सरकार ने पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान करने और दोषियों को पकड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

यह हमला कश्मीर में पर्यटकों पर हुए हमलों में सबसे घातक माना जा रहा है और इससे क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठे हैं।

जानिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बारे में 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत का एक प्रमुख सांस्कृतिक राष्ट्रवादी संगठन है जिसकी स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। संघ का उद्देश्य भारत को एक संगठित, सशक्त और सांस्कृतिक दृष्टि से जागरूक राष्ट्र बनाना है। संघ अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सेवा कार्यों में संलग्न रहता है।

RSS का संगठनात्मक ढांचा अनुशासन और समर्पण पर आधारित होता है। इसमें प्रमुख पदों में से एक होता है "सरकार्यवाह", जिसे संघ का कार्यकारी प्रमुख माना जाता है। यह पद संघ के कार्य संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

वर्तमान में RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले हैं, जिन्होंने 2021 में इस पद का कार्यभार संभाला। वे मूलतः कर्नाटक के शिमोगा जिले के रहने वाले हैं और लंबे समय से संघ के विचारों से जुड़े रहे हैं। वे विद्यार्थी जीवन में ही ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से सक्रिय रूप से जुड़े और 1970 के दशक में आपातकाल के दौरान जेल भी गए।

दत्तात्रेय होसबाले न केवल एक कुशल संगठनकर्ता हैं, बल्कि वे विचारधारा और सामाजिक मुद्दों पर भी स्पष्ट दृष्टिकोण रखते हैं। वे संघ के वैचारिक विस्तार और सामाजिक समरसता के पक्षधर माने जाते हैं। संघ में उनका योगदान शिक्षा, समाजसेवा और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में प्रेरित करने की दिशा में विशेष रूप से सराहनीय रहा है।

उनकी नेतृत्व शैली संयमित, विचारशील और संवाद-प्रधान मानी जाती है, जो संघ की व्यापक रणनीति को नई दिशा देने में सहायक साबित हो रही है।

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