वेदों की महिमा पर डॉ. मोहन भागवत का वक्तव्य: वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं। वे सारी दुनिया को जोडने का काम करते हैं। अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में श्रीपाद दामोदर सातवलेकर कृत वेदों के हिंदी भाष्य के तृतीय संस्करण का लोकार्पण करते हुए

Sep 19, 2024 - 18:32
Sep 19, 2024 - 18:43
 0  21
वेदों की महिमा पर डॉ. मोहन भागवत का वक्तव्य: वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि

वेदों की महिमा पर डॉ. मोहन भागवत का वक्तव्य: वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि

नई दिल्ली, 18 सितंबर 2024: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बुधवार को वेदों के महत्व और 'सनातन धर्म' के उदय की बात करते हुए कहा कि पूरी दुनिया का दृष्टिकोण अब बदल रहा है। उन्होंने वेदों के हिंदी भाष्य के तृतीय संस्करण के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त किए।

भागवत ने कहा, “वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि हैं और अखिल ब्रह्मांड के मूल हैं। ऋषियों ने वेदों की रचना विश्व कल्याण के लिए की थी। यही कारण है कि वेद और भारत एक ही हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि वेदों में ज्ञान, विज्ञान, गणित, धर्म, चिकित्सा और संगीत की प्रचुरता है, और यह हमें जीवन जीने के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

उन्होंने वेदों के मंत्रों में अंक गणित, घन और घनमूल के सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लेख किया और कहा कि वेद विश्व की समस्त मानवता को एकाकार होने का मार्ग दिखाते हैं। भागवत ने कहा, “सत्यम् ज्ञानम् अनन्तम ब्रह्म। हमारे ऋषियों ने इसी दृष्टि से विश्व कल्याण के लिए वेदों की रचना की थी। वेदों के अध्ययन से समस्त मानवता प्रकाशित होती रहेगी।”

समारोह में महामंडलेश्वर पू स्वामी बालकानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि अक्रांताओं ने वेद ग्रंथों और सनातन गुरुकुलों को नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन हमारे ऋषियों की स्मृतियों में रचे-बसे वेदों को वे नष्ट नहीं कर पाए। भारतीय संस्कृति में वेद चिर स्थायी हैं और रहेंगे।

वही, चारों वेदों के हिंदी भाष्य के 10 खंडों का लोकार्पण डॉ. मोहन भागवत के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ। इस दौरान स्वाध्याय मंडल पारडी, गुजरात और दिल्ली स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद अध्ययन केंद्र द्वारा श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा भाष्यकृत इन वेदों के 8 हजार पृष्ठों के प्रकाशन में 10 वर्षों की मेहनत की गई। इस पुण्य कार्य में लगे विद्वानों और उनके सहयोगियों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में देश भर के साधु संत, संघ और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि, और समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

इस अवसर पर भागवत ने लोगों से आह्वान किया कि वे वेदों का अध्ययन करें, अपने जीवन में उन्हें अपनाएं और जितना संभव हो सके, उनके ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाएं ताकि वे भी इसके लाभ का अनुभव कर सकें।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com