Digismart, Activa, Inalsa, Butterfly... क्या आपने भी मंगाया है ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट से ये सामान?

BIS ने ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के गोदामों पर छापेमारी की है। ये छापे लखनऊ, गुरुग्राम और दिल्ली जैसे शहरों में इन कंपनियों के वेयरहाउस पर मारे गए हैं। इन छापों में बड़ी मात्रा में नकली सामान बरामद हुआ है।

Mar 15, 2025 - 19:33
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Digismart, Activa, Inalsa, Butterfly... क्या आपने भी मंगाया है ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट से ये सामान?
नई दिल्ली: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के गोदामों पर छापेमारी की है। ये छापे लखनऊ, गुरुग्राम और दिल्ली जैसे शहरों में ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के गोदामों पर हुए। BIS ने एक बयान में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक 7 मार्च 2025 को लखनऊ में ऐमजॉन एक वेयरहाउस पर छापा मारा गया। यहां से 215 खिलौने और 24 हैंड ब्लेंडर जब्त किए गए। इन सभी उत्पादों पर जरूरी BIS सर्टिफिकेशन नहीं था। इससे पहले फरवरी 2025 में गुरुग्राम में भी कंपनी के एक गोदाम से भी कई चीजें जब्त हुई थीं। इनमें 58 एल्युमीनियम फॉइल, 34 मेटैलिक पानी की बोतलें, 25 खिलौने, 20 हैंड ब्लेंडर, 7 PVC केबल, 2 फूड मिक्सर और 1 स्पीकर शामिल थे। इनमें से किसी के पास भी BIS सर्टिफिकेट नहीं था।गुरुग्राम में फ्लिपकार्ट के एक गोदाम पर भी छापा मारा गया। यह गोदाम इंस्टाकार्ट सविर्सेज प्राइवेट लिमिटेड चलाती है। यहां से 534 स्टील की बोतलें (वैक्यूम इंसुलेटेड), 134 खिलौने और 41 स्पीकर जब्त किए गए। ये सभी बिना सर्टिफिकेशन के थे। BIS की जांच में पता चला कि ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट पर मिलने वाले कई नकली उत्पाद Techvision International Pvt Ltd से आ रहे थे।

नकली सामान

बीआईएस ने कहा कि दिल्ली में Techvision International के दो ठिकानों पर छापे मारे गए। यहां से लगभग 7,000 इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर, 4,000 इलेक्ट्रिक फूड मिक्सर, 95 इलेक्ट्रिक रूम हीटर और 40 गैस स्टोव मिले। इनमें से किसी के पास भी BIS सर्टिफिकेशन नहीं था। जब्त किए गए बिना सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों में Digismart, Activa, Inalsa, Cello Swift, Butterfly जैसे ब्रांड शामिल हैं। सामान जब्त करने के बाद BIS जिम्मेदार लोगों के ख़िलाफ BIS एक्ट, 2016 के तहत कानूनी कार्रवाई करता है। BIS ने M/s Techvision International Pvt Ltd के खिलाफ BIS एक्ट, 2016 की धारा 17(1) और 17(3) के उल्लंघन के लिए दो मुक़दमे दायर किए हैं। बाकी छापेमारी के लिए भी मुकदमे दायर करने की तैयारी चल रही है। BIS एक्ट, 2016 की धारा 17 के तहत, दोषियों पर कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। यह जुर्माना बेचे गए या बेचने के लिए रखे गए सामान की कीमत के दस गुना तक हो सकता है।

कितनी होगी सजा

बयान में कहा गया है कि उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर दोषियों को दो साल तक की जेल भी हो सकती है। यानी अगर कोई कंपनी बिना BIS सर्टिफिकेशन के सामान बेचती है, तो उसे कड़ा जुर्माना और जेल भी हो सकती है। BIS लगातार ऐसे मामलों पर नजर रख रहा है और कार्रवाई कर रहा है। इससे ग्राहकों को सुरक्षित और मानक उत्पाद मिलेंगे।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,