महाकुंभ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले-ज्ञानवापी मंदिर फिर भी मुस्लिम रोक रहे, घर वापसी और वक्फ बोर्ड पर भी बोले

प्रयागराज महाकुंभ में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ज्ञानवापी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि मुसलमान पाकिस्तान लेकर अलग देश बना लिए हैं, बावजूद इसके हमारे सिर पर चढ़े हुए हैं। वे हमें हमारे ही मंदिर में दर्शन नहीं कर दे रहे। मैं वहां परिक्रमा करने के लिए गया तो हम लोगों को […]

Jan 13, 2025 - 12:58
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महाकुंभ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले-ज्ञानवापी मंदिर फिर भी मुस्लिम रोक रहे, घर वापसी और वक्फ बोर्ड पर भी बोले
Swami Avimukteshwaranand Saraswati spoke about Gyanvapi Ghar Wapsi And waqf board

प्रयागराज महाकुंभ में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ज्ञानवापी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि मुसलमान पाकिस्तान लेकर अलग देश बना लिए हैं, बावजूद इसके हमारे सिर पर चढ़े हुए हैं। वे हमें हमारे ही मंदिर में दर्शन नहीं कर दे रहे। मैं वहां परिक्रमा करने के लिए गया तो हम लोगों को परिक्रमा करने से रोक दिया गया कि हम ज्ञानवापी की परिक्रमा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी के बाहरी ढांचे में कई सारी आकृतियां आज भी उसके मंदिर होने की गवाही देती हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एबीपी के सनातन संवाद कार्यक्रम में सम्मलित थे। उसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। इंटरव्यू ले रही पत्रकार चित्रा त्रिपाठी बार-बार ज्ञानवापी को मस्जिद कहकर संबोधित कर रहीं थी। इस पर संत ने स्पष्ट किया कि मस्जिद में आकृतियां नहीं होती हैं। मंदिरों में आकृतियां होती हैं। इस पर पत्रकार ने सवाल किया कि अगर ज्ञानवापी मंदिर है तो इतने वर्षों क्यों लग गए? इस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दो टूक कहा कि इतने वर्षों इसीलिए लग गए, क्यों मुसलमानों ने धर्म के आधार अपना देश तो ले लिया, लेकिन हमारी छाती पर भी चढ़े बैठे हैं।

महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों के आने की खबर को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ये संख्या ठीक नहीं है, क्योंकि हमारे यहां दो तरह की पूजा होती है, पहली व्यवहारिक और दूसरी मानसिक। ऐसे में पूरे विश्व में जो करीब 100 करोड़ सनातनी हैं, वो यहां व्यवहारिक तौर पर भले ही न आ पाएं, लेकिन मानसिक तौर इस महाकुंभ से तो जुड़ेगा ही। वहीं महाकुंभ में वक्फ बोर्ड के दावे पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि दावा किया है तो उसकी जांच होगी और जो सही होगा, उसका अधिकार होगा।

घर वापसी पर भी बोले अविमुक्तेश्वरानंद

सनातन धर्म में लोगों की घर वापसी के मुद्दे पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कहते हैं कि सनातन धर्म में हर व्यक्ति का स्वागत नहीं किया जा सकता है। लेकिन वे लोग जिन्होंने किसी और के बहकावे, छल और लालच या फिर धमकियों के दबाव में आकर दूसरे मजहबों में चले गए थे। अगर वे लोग घर वापसी करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं जब उनसे ये सवाल किया गया कि ये कैसे तय होगा कि उनके पूर्वज हिन्दू थे ये नहीं। वे इसका कागज कहां से लाएंगे? इस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कहते हैं कि ये तो उन्हें करना ही होगा।

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