न डायरेक्टर, न वीसी… अस्थाई व्यवस्था पर चल रहे देश को काबिल युवा देने वाले संस्थान

भारत के 130 टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स में से 17 में डायरेक्टर / कुलपति के पद रिक्त हैं. इनमें IIT, IIM, NIT और IISER शामिल हैं. 2022 से 2024 के बीच कई संस्थानों के निदेशकों/कुलपतियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, लेकिन अभी तक स्थायी नियुक्तियां नहीं हुई हैं.

Apr 14, 2025 - 16:57
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न डायरेक्टर, न वीसी… अस्थाई व्यवस्था पर चल रहे देश को काबिल युवा देने वाले संस्थान
न डायरेक्टर, न वीसी… अस्थाई व्यवस्था पर चल रहे देश को काबिल युवा देने वाले संस्थान

देश में 130 टॉप क्लास के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में से 17 ऐसे इंस्टीट्यूट्स हैं जिनमें टॉप पोस्ट फिलहाल किसी एक्सटेंशन की वजह से या फिर कार्रकारी की वजह से चल रही है. ये सभी संस्थान केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित किए जाते हैं. इस टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में IITs, IIMs, NITs और IISERs शामिल हैं. इन इंस्टीट्यूशन्स को वाइस चांसलर या फिर डायरेक्टर चलाते हैं जबकि इनकी जगह पर फिलहाल अस्थाई व्यवस्था की गई है.

इन 17 संस्थानों की लिस्ट में IIM कोलकाता, IIM काशीपुर, IIM शिलोंग, IIT खड़गपुर, IIT हैदराबाद, IIT उत्तराखंड जैसे बड़े संस्थान शामिल हैं. इन संस्थानों में 2022 से लेकर 2024 तक टर्म एंड हुए हैं लेकिन अभी तक कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 130 टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स में से 17 संस्थानों में अभी तक रेगुलर टॉप पोस्ट्स पर नियुक्ति नहीं हो सकी है. इन 17 इंस्टीट्यूशन्स में 8 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 3 IIM, 2 IIT, 3 NIT और एक IISER शामिल हैं. इनमें से आठ संस्थान ऐसे हैं जहां एक साल से भी ज्यादा समय से इंट्रिम लीडरशिप चल रही है. जैसे IIM कोलकाता, IIM शिलॉन्ग, NIT श्रीनगर, IGNOU और सिक्किम विश्वविद्यालय हैं.

क्या कहते हैं नियम

नियमों की बात की जाए तो किसी संस्थान के प्रमुख (कुलपति / डायरेक्टर) का कार्यकाल खत्म होने से कम से कम छह महीने पहले नया नाम तय करने की प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो पा रहा. पिछले महीने संसद की एक स्थायी समिति ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई थी. शिक्षा मंत्रालय की शीघ्र नियुक्तियों के लिए निर्देश दिए थे.

शिक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?

शिक्षा मंत्रालय ने पूरे मामले में सफाई दी है कि सभी नई नियुक्तियां ‘प्रक्रिया में हैं’. इन नियुक्तियों में राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक होती है. चाहे वो IIT के निदेशक हों, IIM के डायरेक्टर या केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति. हर संस्था के गवर्निंग बोर्ड की सिफारिश के बाद ही राष्ट्रपति द्वारा नियुक्तियां होती हैं.

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