Members of banned terror group rally in Dhaka for Sharia law, clash with cops
बांग्लादेश में इस्लामी समूहों की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद। इससे देश की राजनीतिक

शुक्रवार, 7 मार्च 2025 को ढाका के बैतुल मुक़र्रम राष्ट्रीय मस्जिद के पास प्रतिबंधित इस्लामिक समूह हिज़्ब उत-तहरीर के सदस्यों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। जुमे की नमाज़ के बाद, संगठन के सैकड़ों समर्थकों ने "खिलाफ़त मार्च" के तहत एक जुलूस निकाला, जिसमें वे देश में इस्लामी खिलाफ़त और शरीयत कानून की स्थापना की मांग कर रहे थे।
पुलिस ने जुलूस को रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, पुलिस ने आंसू गैस और साउंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जिससे कम से कम 10 लोग घायल हो गए, जिनमें दो पत्रकार भी शामिल हैं। इसके अलावा, पुलिस ने 15 से 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
हिज़्ब उत-तहरीर को 2009 में बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया था। यह संगठन सभी मुस्लिम देशों को एक इस्लामी राज्य या खिलाफ़त के तहत एकजुट करने और शरीयत कानून लागू करने की वकालत करता है।
हाल के महीनों में, बांग्लादेश में इस्लामी समूहों की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद। इससे देश की राजनीतिक स्थिरता पर नए सवाल खड़े हो गए हैं।
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