कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार का फैसला सरकारी परीक्षाओं में हिजाब की अनुमति, कुर्ता पर प्रतिबंध और स्कूल-कॉलेजों में बुर्के के लिए राज्य भर में हुई थी हिंसा"

#Karnataka #Hijab

Oct 23, 2023 - 23:06
Oct 23, 2023 - 23:11
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कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार का फैसला सरकारी परीक्षाओं में हिजाब की अनुमति, कुर्ता पर प्रतिबंध और स्कूल-कॉलेजों में बुर्के के लिए राज्य भर में हुई थी हिंसा"

पुरुष अभ्यर्थियों को हाफ स्लीव वाले शर्ट और प्लेन ट्राउजर पहनने के लिए कहा गया है। उनमें पॉकेट नहीं होने चाहिए।

सरकारी परीक्षाओं में हिजाब की अनुमति, कुर्ता पर प्रतिबंध: कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार का फैसला, स्कूल-कॉलेजों में बुर्के के लिए राज्य भर में हुई थी हिंसा कर्नाटक में कॉन्ग्रेस की सरकार बनने के बाद अब हिजाब और बुर्के की एंट्री भी हो गई है। 

कर्नाटक में मई 2023 में कॉन्ग्रेस की जीत हुई थी और सरकार बदलने के बाद सिद्दारमैया मुख्यमंत्री बने थे। अब जानकारी दी गई है कि ‘कर्नाटक एग्जामिनेशंस अथॉरिटी’ द्वारा विभिन्न भर्तियों के लिए ली जाने वाली परीक्षाओं में हिजाब की अनुमति होगी। 

कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री MC सुधाकर ने कहा है कि हिजाब या बुर्के पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगाने से लोगों के व्यक्तिगत अधिकरण का हनन होगा। कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में बुर्का पहनने की अनुमति के लिए भाजपा सरकार के समय भी उपद्रव हुआ था और इस्लामी कट्टरपंथियों ने जम कर प्रदर्शन किया था। वो यूनिफॉर्म को धता बता कर बुर्के में कक्षाओं में बैठने की अनुमति चाहते थे। 

अब KEA ने कहा है कि हिजाब वाली छात्राएँ परीक्षा केंद्र पर तय समय से 1 घंटे पहले पहुँच जाएँ, ताकि उनकी अच्छी तरह जाँच की जा सके। 2021 में उडुपी से शुरू हुए हिजाब विवाद के बाद भाजपा को मुस्लिम महिलाओं की विरोधी पार्टी साबित करने की कोशिश हुई थी।

बता दें कि विभिन्न सरकारी संस्थाओं में कर्नाटक में 670 वैकेंसी आई है और उनमें भर्ती के लिए परीक्षाएँ होने वाली हैं। 28-29 अक्टूबर, 2023 को इसके लिए परीक्षाएँ आयोजित की जाएँगी। वहीं पुरुष अभ्यर्थियों को हाफ स्लीव वाले शर्ट और प्लेन ट्राउजर पहनने के लिए कहा गया है। उनमें पॉकेट नहीं होने चाहिए। फुल स्लीव शर्ट, कुर्ता-पायजामा और जींस पर प्रतिबन्ध है। हालाँकि, हिजाबी छात्राओं के लिए भी कुछ दिशानिर्देश तय किए गए हैं। हिजाब पहन कर आने वाली महिला अभ्यर्थियों को निर्देश दिया गया है कि वो जींस या फुल स्लीव वाले शर्ट पहनने से बचें। इसके बाद आलोचना भी हो रही है कि अगर कुर्ता-पायजामा पर प्रतिबंध है तो फिर हिजाब की अनुमति क्यों दी गई है? जिस तरह बुर्के के लिए राज्य में तनाव का माहौल बनाया गया था और चुनाव से पहले मुस्लिम ध्रुवीकरण के लिए मंच तैयार किया गया था, उसके बाद इस तरह के निर्णय पर सवाल उठना लाजिमी है। 

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,